भारत और चीन ने व्यापार और निवेश में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और भारतीय अर्थव्यवस्था में चीनी निवेश को बढ़ावा देने के अवसर तलाशने के लिए मंगलवार को सहमति जताई।
दोनों देशों ने टिकाऊं विकास को प्राप्त करने और चुनौतियों का सामना करने को लेकर नीतियों और उपायों पर विचार-विमर्श किया और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्वच्छ ऊर्जा, उच्च शिक्षा और विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) को लेकर अपने अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को एक-दूसरे से साझा किया।
भारत के नीति आयोग और चीन के विकास शोध परिषद के बीच यहां हुई तीसरी डीआरसी-नीति आयोग परिचर्चा में इन मुद्दों पर चर्चा की गई।
इस बैठक की सह-अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और डीआरसी के अध्यक्ष ली वेई ने की।
इस बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई कि वैश्विक अनिश्चितता और कमजोर वैश्विक विकास दर के बीच, 'आने वाले सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था जिस रास्ते पर बढ़ेगी, उसमें दोनों बड़े और तेजी से बढ़ रहे विकासशील देशों की बड़ी हिस्सेदारी है।'
दोनों पक्ष इस बात पर भी राजी हुए कि नीति आयोग-डीआरसी परिचर्चा अगले साल भारत में आयोजित की जाएगी।
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Source : IANS