भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकवाद को लेकर दोहरा रवैया अपनाने वाले देशों पर जमकर निशाना साधा. UNSC में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने इस तरह के मापदंड को लेकर संख्त टिप्पणी है. खासकर चीन को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है. आतंकियों का महिमामंडन रोका जाना चाहिए. गौरतलब है कि इस साल चीन ने यूएन में पाक आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी नामित किए जाने पर भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी. इस पर भारत ने चीन की इस हरकत पर आपत्ति जाहिर की थी.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा, आपको याद होगा कि बीते वर्ष 9/11 के कायरतापूर्ण हमलों की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत के विदेश मंत्री ने संयुक्त रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कई सुझाव सामने रखे थे. इन सुझावों पर अमल करना बहुत जरूरी है. एक देश में फैले आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका में आतंकी संगठन ISIS के विस्तार को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का पूरा ध्यान है ताकि यह सुनिश्चित हो
कि इस खतरे को अलगाव के रूप में नहीं देखा जाता है क्योंकि इनमें दुनिया के अन्य हिस्सों में भी फैलने की क्षमता है.
यह हमारा विश्वास है कि दुनिया के एक भाग में आतंकवाद पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और इसलिए इस वैश्विक चुनौती के प्रति हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत, समन्वित और सबसे अहम रूप से प्रभावी होनी चाहिए.
भारत को निशाना बनाने की कोशिश
भारत ने कहा कि अफगानिस्तान और अफ्रीका में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ये समूह हर बार भारत को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सदस्य देशों को ऐसे खतरे को फिल्टर करने की आवश्यकता नहीं है. भारत ने कहा कि रिपोर्ट में इस तथ्य को खारिज नहीं किया जा सकता है कि ये आतंकी संगठन लगातार ताकत हासिल कर रहे हैं. उन्होंने अपील की इस तरह के खतरे को अलग-थलग करके न देखा जाए.
HIGHLIGHTS
- UNSC में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने चीन को लताड़ा
- कहा, आतंकियों का महिमामंडन रोका जाना चाहिए
- आतंकवाद पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा