भारत ने मुक्त व्यापार समझौता में शामिल होने से इनकार कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी भागीदारी (RCEP) समझौते में शामिल न होने का फैसला किया है. इस समझौते में पीएम नरेंद्र मोदी की कुछ प्रमुख मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है जिसके वजह से उन्होंने यह कहते हुए इस समझौते से इनकार कर दिया है कि भारत अपने कोर हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. आपको बता दें कि पीएम मोदी के मुताबिक आरसीईपी (RCEP) समझौता इसकी मुख्य उद्देश्य को प्रकट नहीं कर रहा है इसका परिणाम उचित या संतुलित नहीं है.
आपको बता दें कि इस समझौते में कुछ मुद्दे भारत की समस्याओं को दूर करते हुए नहीं दिखाई दे रहे थे इनमें से प्रमुख मुद्दे चीन के साथ अपर्याप्त अंतर, आयात वृद्धि के खिलाफ अपर्याप्त सुरक्षा, उत्पत्ति के नियमों की संभावित ढकोसला, 2014 के रूप में आधार वर्ष को ध्यान में रखते हुए और बाजार पहुंच व गैर टैरिफ बाधाओं पर कोई विश्वसनीय आश्वासन नहीं दिया गया. जिसकी वजह से भारत ने इस समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
Sources: The key issues include- inadequate protection against import surge,insufficient differential with China,possible circumvention of rules of origin,keeping the base year as 2014 and no credible assurances on market access and non-tariff barriers. #RCEP https://t.co/8E235LrEP6
— ANI (@ANI) November 4, 2019
अब किसी दबाव में नहीं है भारत
सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत ने इस समझौते के दौरान फ्रंटफुट पर आते हुए कहा कि अब वो दिन चले गए जब भारतीय वार्ताकारों ने व्यापार मुद्दों पर वैश्विक शक्तियों के दबाव में देश को खोखला कर दिया था. इस बैठक के दौरान व्यापार घाटे में भारत के मुद्दों पर उसकी समस्याओं को दूर करने की जरूरतों और भारतीय सेवाओं और निवेश के लिए बाजार खोलने के लिए देश की आवश्यकताओं पर जोर दिया है. सरकारी सूत्रों की मानें तो भारत का रुख व्यावहारिकता का मिश्रण है। इसमें गरीबों के हितों की रक्षा करने और भारत के सेवा क्षेत्र को लाभ देने के प्रयास का आग्रह किया गया है.
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Govt Sources: India’s stand is a mixture of pragmatism,the urge to safeguard interests of poor and effort to give an advantage to India’s service sector. While not shying away from opening up to global competition across sectors.(file pic). #RCEP pic.twitter.com/ZiTg293f0c
— ANI (@ANI) November 4, 2019
भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा: पीएम मोदी
इस समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) में अपने हितों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा. पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत यह भी देखेगा कि RCEP समझौते में व्यापार, सेवाओं और निवेश पर उसकी चिंताओं को पूरी तरह से समायोजित किया जा रहा है या नहीं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का स्पष्ट मानना है कि पारस्परिक रूप से लाभप्रद RCEP, जिससे सभी पक्ष यथोचित लाभ प्राप्त करते हैं, वह भारत समेत वार्ता में शामिल अन्य देशों के हित शामिल है.
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शिवसेना ने रविवार को बोला था हमला
इसके पहले उद्धव ठाकरे ने रविवार को केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि, भारत कल एक क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) पर हस्ताक्षर करने वाला है. इससे देश के छोटे व्यवसायी प्रभावित होंगे. केंद्र सरकार के लिए इस अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इसके लिए स्वीकृत शर्तों को सार्वजनिक किया जाए. आरसीईपी में आसियान के दस देशों के अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और भारत जैसे छह अन्य देश शामिल हैं जो मुक्त व्यापार के लिए बातचीत कर रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले महीने असमय हुई बारिश के बाद वह फसलों की नुकसान का जायजा लेने के लिए औरंगाबाद आए थे. ठाकरे ने कहा कि उन्होंने कन्नड एवं वैजापुर जिलों के किसानों के साथ बातचीत की. उन्होंने राज्य नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा, ‘किसानों के फसलों की क्षति की समीक्षा हेलीकाप्टर से नहीं की जा सकती है.’