पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तो हाल के दिनों में कई बार भारत खासकर मोदी सरकार की प्रशंसा कर चुके हैं. अब ऐसा लगता है कि नए पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व में रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की उम्मीद जताई जा सकती है. हाल ही में दोनों देशों के बीच पर्दे के पीछे बातचीत फिर शुरू होने पर अब मोदी सरकार ने सिंधु जलसंधि पर पाकिस्तान की चिंता को सिरे से दूर करने की कोशिश की है. इस कड़ी में भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान में गिरने वाली नदियों पर बनाए जा रहे पनबिजली परियोजनाओं को लेकर आश्वासन दिया है. भारत ने यह आश्वासन सिंधु आयोग की नई दिल्ली में हुई बैठक में दिया है. इस बैठक में पाकिस्तान ने पकल दुल समेत भारत की ओर से बनाई जा रही पनबिजली परियोजनाओं पर अपनी आपत्ति जताई थी.
भारत ने दिया आपत्तियों पर परीक्षण का भरोसा
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से 6 सदस्यीय दल भारत आया था. पाकिस्तान ने भारत से मांग की कि सिंधु जलसंधि के नियमों के तहत बाढ़ के पानी के बहाव के बारे में अग्रिम सूचना दी जाए. यह व्यवस्था साल 1989 से 2018 तक चल आ रही थी. भारतीय पक्ष ने आश्वासन दिया कि बाढ़ के मौसम में वे पाकिस्तानी दल को दौरा और निरीक्षण करने की अनुमति देंगे. भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सभी लंबित आपत्तियों पर परीक्षण किया जा रहा है और इस्लामाबाद में होने वाली अगली बैठक में इन पर चर्चा होगी.
पनबिजली परियोजना पर भारत ने दिया दो टूक जवाब
इस बैठक में भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही सिंधु जलसंधि को उसकी वास्तविक भावना के अनुसार क्रियान्वित करने पर प्रतिबद्धता जताई है. पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि यह बातचीत सिंधु जलसंधि के तहत हो रही है और यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. हम विभिन्न मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुधार सकते हैं. यह भारतीय पक्ष पर है कि वे कैसे प्रतिक्रिया देते हैं. भारत ने पनबिजली परियोजनाओं पर पाकिस्तान से कहा कि ये परियोजनाएं संधि के नियमों के तहत ही हैं.
पाकिस्तानी दलों का भारत दौरा हो रहा तेज
बताते हैं कि पिछले कुछ सप्ताह में यह दूसरा पाकिस्तानी दल है जो भारत दौरे पर आया है. इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन के तहत नई दिल्ली में आयोजित बैठक में एक पाकिस्तानी दल आया था. यह बैठक क्षेत्र में आतंकवाद के ढांचे को लेकर थी. इससे पहले इसी साल मार्च महीने में भारतीय दल ने सिंधु जलसंधि पर बातचीत करने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा की थी. भारत ने फजिल्का नाले का मुद्दा पाकिस्तान से उठाया था. इस पर पाकिस्तान ने भरोसा दिया था कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि नाले का पानी सतलुज नदी में गिरता रहे.
HIGHLIGHTS
- हाल के दिनों में पाकिस्तानी दलों का भारत दौरा हुआ तेज
- शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पिघल रही है रिश्तों पर जमी बर्फ