भारत और ईरान ने सोमवार को दोनों देशों के बीच अमेरिकी प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए पेट्रोलियम पदार्थों के आयात को लेकर वार्ता की। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश सचिव शामिल हुए संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) को लेकर गहन विचार मंथन किया।
विदेश सचिव विजय गोखले और ईरान के उप विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अरागची ने इस बात पर सहमति जतायी कि दोनों देशों के बीच परस्पर लाभकारी बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग जारी रहेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय के परामर्श पर इस बैठक में चाबहार बंदरगाह परियोजना के कार्यान्वयन सहित कई अन्य मुद्दों पर बात की गई।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पारस्परिक रूप से बहुपक्षीय द्विपक्षीय सहयोग और लाभप्रद आदान-प्रदान की गति को बनाए रखने के लिए ईरान के साथ नवंबर में संयुक्त आयोग की बैठक के अगले दौर के लिए सहमत हो गया है।
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ईरान के उप राजदूत और चार्ज डि अफेयर्स मसूद रजवानियन रहागी ने भारत को चेताते हुए कहा था कि सामरिक रूप से भारत के लिए महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह में अब तक वादे के मुताबिक निवेश नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा था कि यदि भारत भी अन्य देशों की तरह ईरान से तेल आयात कम कर सऊदी अरब, रूस, इराक और अमेरिका से खरीदता है तो उसे मिलने वाले विशेष लाभ को ईरान खत्म कर देगा।
इससे पहले अमेरिका ने ईरान से परमाणु करार संधि तोड़े जाने के बाद नए प्रतिबंध लगाए जिसमें ईरान से तेल का आयात न करना भी शामिल है।
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Source : News Nation Bureau