India-China Border Conflicts: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के शीर्ष आर्थिक सलाहकार (Larry Kudlow) ने कहा है कि भारत, चीन के एक बड़े प्रतियोगी के रूप में उभर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने कॉर्पोरेट टैक्स दर में कटौती की है जिसने इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है. नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के प्रमुख लैरी कुडलो ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि लोग चीन पर भरोसा खो रहे हैं और भारत एक बड़ा प्रतिस्पर्धी बन गया है. और अगर मैं गलत नहीं हूं तो भारत ने अपनी कॉर्पोरेट टैक्स दर को घटा दिया है. इससे यह एक बहुत ही आकर्षक निवेश स्थान हो सकता है और भारत, अमेरिका का एक बड़ा सहयोगी है.
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नरेंद्र मोदी से कॉर्पोरेट कर में कटौती के लिए की थी सिफारिश
कुडलो ने कहा कि उन्होंने 18 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनसे कॉर्पोरेट कर में कटौती की सिफारिश की थी. भारत ने पिछली सितंबर में उस समय की कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत और नई कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कर दी थी. इससे पहले जब उनसे भारत में हाल ही में अमेरिकी टेक और ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा 17.5 अरब डॉलर से अधिक के निवेश के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से कहा था कि भारत दुर्भाग्य से एक बहुत संरक्षणवादी देश है, इसलिए मैं सिर्फ उन्हें शुभकामनाएं दूंगा, लेकिन बहुत बड़ी जनसंख्या.
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उन्होंने संकेत दिया था कि वह ट्रंप के 'अमेरिका फस्र्ट कैंपेन' और विनिर्माण को वापस अमेरिका लाने के प्रयासों के बीच भारत में इन कंपनियों द्वारा किए गए निवेश के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम व्यापार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए बंद नहीं हैं. वे महान अमेरिकी कंपनियां हैं, जिनका अधिकांश कामकाज यहीं है. उन्होंने कहा कि चीन से अमेरिकी कंपनियों का पलायन मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी, दवा या दवा आपूर्ति श्रृंखला प्रकार की कंपनियों का होगा. उन्होंने कहा, "मुझे कई योजनाओं के बारे में पता है. कुडलो ने कहा, "चीनी फ्लू और और बाकी दुनिया के साथ पारदर्शिता और सहायता की कमी के कारण चीन के प्रति अमेरिकी व्यापार का दृष्टिकोण बदल रहा है.
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इस साल वॉलमार्ट ने भारतीय कंपनी फ्लिपकार्ट में 1.2 अरब डालर और अमेजन ने भारतीय परिचालनों में 30.5 करोड़ डॉलर के निवेश की घोषणा की है. गूगल ने कहा है कि वह पांच वर्षों में भारत में 10 अरब डालर का निवेश कर रही है और इसमें से 4.5 अरब मुकेश अंबानी की प्रौद्योगिकी व संचार कंपनी जियो के पास होंगे. फेसबुक की जियो में 5.7 अरब डॉलर और इन्टेल की भी जियो में 25.34 करोड़ डालर के निवेश की योजना है.