पाकिस्तान ने करीब 200 भारतीय सिखों को जोर मेला में शामिल होने के लिए वीजा जारी किया था. इसके साथ ही पाकिस्तान से इन भारतीय सिखों को लाने के लिए एक ट्रेन भी भेजी गई थी. लेकिन अब पाकिस्तान का दावा है कि भारत ने उसकी ट्रेन को सीमा पार करने की इजाजत नहीं दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों और मामलों को देखने वाला विभाग) के प्रवक्ता आमिर हाशिम ने बताया कि जोर मेंला में शामिल होने के लिए भारतीय सिख पाकिस्तानी ट्रेन से यहां पहुंचने वाले थे लेकिन ट्रेन को भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
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बता दें, पाकिस्तान में जोर मेला गुरु अर्जुन देवी की पुण्यतिथि के तौर पर मनाया जाता है. हाशिम ने बताया कि हम ट्रेन को सामीपार करने देने के लिए भारतीय अधिकारियों से लगातार संपर्क में थे लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया और वजह भी नहीं बताई. ऐसे में हम भारत के इस रवैये का विरोध कर रहे हैं. हाशिम ने कहा, इस मामले को सरकारी स्तर पर उठाया जाएगा.
वहीं पाकिस्तान के सिख गुरुद्वारा प्रवंधक कमेटी के अध्यक्ष तारा सिंह का कहना है कि भारत के इस फैसले से पाकिस्तान के सिख समुदाय में निराशा है. इधर अमृतसर में यूनाइटेड अकाली दल के महासचिव परमजीत सिंह जिजानी का भी यही दावा है कि भारत ने पाकिस्तानी ट्रेन को अटारी रेलवे स्टेशन पर घुसने की अनुमति नहीं दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परमजीत सिंह जिजानी वही थे पाकिस्तान जाने वाले सिखों का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने बताया कि सिखों को ले जाने के लिए पाकिस्तान से स्पेशल ट्रेन भेजी गई थी. हालांकि ट्रेन को प्रवेश नहीं करने दिया गया है इसकी जानकारी भी पाकिस्तान जाने वाले सिखों को दे दी गई थी.