चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) दो दिवसीय दौरे पर भारत आ सकते हैं. 2020 में लद्दाख (Ladakh) में हिंसक झड़प के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा हो सकती है. कहा जा रहा है कि अपनी इस भारत यात्रा के दौरान वह सीमा विवाद से जुड़े मसलों पर बात कर सकते हैं. यह अलग बात है कि इसके ठीक पहले उन्होंने भारत को फिर उकसाने का काम किया है. वांग यी ने इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (IOC) की बैठक में कश्मीर पर बयान दे डाला. हालांकि भारत ने वांग यी की टिप्पणी पर दो टूक प्रतिक्रिया देते हुए काह कि कश्मीर (Kashmir) हमारा अंदरूनी मामला है और चीन समेत किसी भी तीसरे देश का इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं. गौरतलब है कि वांग यी फिलहाल पाकिस्तान (Pakistan) में हैं और आईओसी की बैठक नहीं आयोजित हुई थी.
पाकिस्तान में हैं फिलहाल वांग यी
जानकारी के मुताबिक 57 सदस्यीय आईओसी की विदेश मंत्री परिषद का दो दिवसीय सत्र इस्लामाबाद में 22 और 23 मार्च को हुआ. मंगलवार को उद्धाटन सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी तोता-रटंत में ओआईसी के मंच से कश्मीर का राग अलापा था. उन्होंने कश्मीर और फलस्तीन का मुद्दा सुलझाने में आईओसी के असफल साबित होने पर जमकर भड़ास निकाली थी. उन्होंने कहा था कि डेढ़ अरब मुसलमान होते हुए हमारा कश्मीर पर कोई प्रभाव नहीं है. वे हमें गंभीरता से नहीं लेते. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने गैरकानूनी तरीके से कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ.
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भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया
इस बैठक में मौजूद चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी कश्मीर का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'कश्मीर पर हमने फिर से अपने कई इस्लामी दोस्तों की पुकार सुनी है. चीन भी ऐसी ही उम्मीद रखता है.' इस पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ओआईसी के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत को लेकर जो सदंर्भ दिया, वो गैरजरूरी था और हम इसे खारिज करते हैं. बागची ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का मामला पूरी तरह से भारत का अंदरूनी मामला है. चीन सहित अन्य देशों को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत भी उन देशों के अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक बयान देने से परहेज करता है.
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आज आ सकते हैं भारत दौरे पर वांग
गौरतलब है कि भारत का ये बेबाक बयान ऐसे समय आया है, जब चीन के विदेश मंत्री के 24 मार्च को दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर आने की चर्चा है. चीनी विदेश मंत्री की ये संभावित यात्रा यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर दुनिया में मची उथल पुथल के बीच हो रही है. दुनिया में चीन और भारत ही हैं, जो खुलकर रूस को विरोध में नहीं बोल रहे हैं. इसे लेकर अमेरिका आदि देशों में गहरी नाराजगी भी है. जाहिर है वांग यी के कश्मीर पर बयान से लद्दाख हिंसक झड़प के बाद सीमा विवाद के सुलझाने में फिर से तनाव पैदा हो गया है.
HIGHLIGHTS
- आईओसी की विदेश मंत्री परिषद में भाग लेने पाकिस्तान आए थे वांग यी
- बैठक में इमरान खान की तोता-रटंत के बाद कश्मीर पर दिया बयान
- भारत ने आज उनके दौरे की संभावनाओं के बीच जताई तीखी प्रतिक्रिया