चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा है कि भारत (India), रूस और चीन को अपने रिश्तों के समग्र हितों की रक्षा के लिए द्विपक्षीय संबंधों के ‘संवेदनशील मुद्दों’ को सही तरीके से संभालना चाहिए और ठीक तरीके से इससे निपटना चाहिए. गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प की पृष्ठभूमि में रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की आयोजित बैठक में वांग ने यह टिप्पणी की.
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आरआईसी को अपने संबोधन में चीन के विदेश मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच मौजूदा सैन्य तनाव का सीधे-सीधे उल्लेख किए बगैर कहा कि तीनों देशों को ‘आपसी रिश्तों के समग्र हितों की रक्षा के लिए द्विपक्षीय संबंधों में संवेदनशील मुद्दों को ठीक तरीके से संभालना और उससे उचित तरीके से निपटना चाहिए.’ विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई बैठक में उपस्थित थे. उन्होंने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाने के लिए आरआईसी के रक्षा मंत्रियों की पहली बैठक आयोजित करने के रूस के प्रस्ताव का समर्थन किया.
चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार वांग ने जोर दिया कि चीन, रूस और भारत बड़े देश हैं, जो सामरिक स्वायत्तता पर जोर देते हैं. उन्होंने कहा कि तीनों देशों को समग्र सहयोग बढ़ाने के अवसर का लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि तीनों देशों के विकास को बढ़ावा देने वाले साझा हितों और विश्व के शांतिपूर्ण विकास की रक्षा करते हुए काम करना चाहिए. हमें आपसी हितों की समग्र स्थिति को बनाए रखने के लिए द्विपक्षीय संबंधों के संवेदनशील मुद्दों से सही तरीके से और ठीक तरीके से निपटना चाहिए.
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि हमें सहयोग की समग्र गति का अच्छा उपयोग करना चाहिए, जिसमें तीनों देश भागीदार हैं और एक दूसरे के लिए अवसर भी मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि तीनों देशों को बहुपक्षवाद का पालन करना चाहिए और वैश्विक सुशासन को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि तीनों देशों को विभिन्न क्षेत्रों में शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सहयोग के स्तर को बेहतर करना चाहिए और ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के बीच एकजुटता और सहयोग को बनाए रखना चाहिए.
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चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि तीनों देशों को कोविड-19 महामारी के खिलाफ सहयोग बढ़ाना चाहिए और इससे मुकाबले के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए. दवा और टीका अनुसंधान, महामारी पर सूचना को लेकर अपने अनुभव साझा करने चाहिए.