पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के वाणिज्य सलाहकार रजाक दाऊद ने कहा है कि भारत सरकार ने देश से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है और भारत के इस फैसले का जवाब देने के लिए पाकिस्तान सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार करेगा. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में दिया गया एमएफएन दर्जा वापस ले लिया है. इस हमले में अभी तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए हैं.
डॉन ऑनलाइन की शनिवार की खबर के मुताबिक, दाऊद ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ एकतरफा कदम उठा सकता है या दक्षिण एशियाई अधिमान्य व्यापार समझौता (साप्टा) के तहत रियायतें रद्द कर सकता है और इस मुद्दे को जेनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन में ले जा सकता है.
सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के दौरे पर बोर्ड ऑफ इंवेस्टमेंट कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हम अतिवादी प्रतिक्रिया नहीं करेंगे. हम सोच-विचार कर सावधानी भरा कदम उठाएंगे.'
जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर पुलवामा जिले में एक कार बम से सीआरपीएफ काफिले पर हमला किया था. जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से यह अबतक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था. इस हमले की अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई है.
और पढ़ें : पुलवामा हमला: आतंक के खिलाफ लड़ाई में सभी दल एकजुट, हमले की निंदा का प्रस्ताव पारित
पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमिना जांजुआ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के दूतों से मुलाकात की और इस कायराना हमले में अपने देश की भूमिका होने की बात खारिज की.
भारत ने हालांकि जांजुआ के दावे को खारिज किया और कहा कि '(पाकिस्तान के) हाथ होने की बात स्पष्ट है, जो सभी के सामने है', क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान में स्थित है.
भारत ने पाकिस्तान से आतंकियों और उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र से संचालित होने वाले आतंकी समूहों के खिलाफ तुरंत और प्रामाणिक कार्रवाई करने की मांग की.
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि नई दिल्ली को अधिक जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और पाकिस्तान के साथ सबूत साझा करने चाहिए. कुरैशी फिलहाल म्यूनिख में हैं.
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान पर आरोप लगाना बहुत आसान है. हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, हम न तो हिंसा का रास्ता चुनना चाहते हैं और न ही यह हमारे इरादों का हिस्सा है.'
Source : IANS