संयुक्त राष्ट्र में “अप्रासंगिक और गैरजिम्मेदाराना” टिप्पणी के लिए भारत ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि महासभा ओछे आरोपों के बजाय गंभीर चर्चा का मंच है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने सोमवार को ‘समान प्रतिनिधित्व के सवाल और सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी’ के मुद्दे पर संबोधन में यह बात कही.
संरा में पाकिस्तानी दूत मुनीर अकरम ने अपने संबोधन में भारत की संरा सुरक्षा परिषद की सदस्यता का विरोध करते हुए नियंत्रण रेखा का संदर्भ दिया था. भारतीय दूत ने कहा कि मैं पाकिस्तानी प्रतिनिधि द्वारा की गई अप्रासंगिक और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी का जवाब देकर इस सभा का समय बर्बाद नहीं करना चाहता. जब भी भारत का उल्लेख होता है वह ‘बौखला’ जाता है. भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान की स्वत: प्रतिक्रिया या पूर्व की प्रतिक्रियाओं के संदर्भ में यह बात कही.
तिरुमूर्ति ने कहा कि यह गंभीर चर्चा का मंच है, न कि ओछे आरोपों के लिए. फिलहाल संरा सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य राष्ट्र हैं. अस्थायी सदस्यों को संरा महासभा द्वारा दो वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है. पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं और ये देश किसी भी प्रस्ताव को वीटो करने का अधिकार रखते हैं.
समसामयिक वैश्विक हकीकतों को परिलक्षित करने के लिए स्थायी सदस्यों की संख्या को बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है. भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी और जापान संरा सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए मजबूत दावेदार हैं. सुरक्षा परिषद की प्राथमिक जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को कायम रखना है.
Source : Bhasha