India Pakistan Relationship, akrtarpur Corridor: भारत (India) ने करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor with Pakistan) पर एक मसौदा (draft) समझौते पाकिस्तान (Paksitan) को सौंप दिया है और भारतकिया है और उम्मीद कर रहा है कि पाकिस्तान इस मसले पर फ्लैक्सिबल होकर सोचेगा. इसके पहले 4 सितंबर को भारत और पाकिस्तान की अटारी में हुई बैठक मतभेदों की भेंट चढ़ गया था और इस बैठक का कोई परिणाम नहीं निकल पाया था.
यह बैठक पाकिस्तान के द्वारा अपनाए गए समझौते को अंतिम रूप देने में या किसी एक नतीजे पर पहुंचने में विफल रही थी, जिसे भारतीय अधिकारियों ने कुछ शर्तों पर एक "inflexible attitude" के रूप में वर्णित किया था, जिसमें प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए 20 डॉलर का सेवा शुल्क (Service Fee) शामिल था.
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बता दें कि करतारपुर साहिब दर्शन करने जाने वाले सिख श्रद्धालुओं पर पाकिस्तान ने 20 डॉलर का सेवा शुल्क 'लाद' दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैजल ने इस बात की जानकारी दी. गौरतलब है कि भारत के साथ करतारपुर कॉरिडोर पर उपजे गतिरोध में एक बड़ा मसला 'प्रवेश शुल्क' को लेकर भी था. भारत इसके विरोध में था, जबकि पाकिस्तान इसी पर अड़ा था.
एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि मसौदा समझौते के साथ वांछित लचीलापन और सहमति दिखाई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गुरु नानक की 550 वीं जयंती के अवसर पर गलियारा नवंबर में खोला जाए।
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4 सितंबर की बैठक में, पाकिस्तान ने 10,000 तीर्थयात्रियों को विशेष अवसरों पर गलियारे का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए भारतीय पक्ष के अनुरोध को ठुकरा दिया था और हर दिन तीर्थयात्रियों के साथ कॉन्सुलर और प्रोटोकॉल अधिकारियों को जाने की अनुमति को ठुकरा दिया था।
भारतीय सरकार ने कहा है कि यह गुरु नानक की जयंती जैसे विशेष समारोह के लिए समय पर गलियारा खोलने के लिए प्रतिबद्ध है और पाकिस्तानी पक्ष को सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करने की निवेदन किया है.
इसके अलावा अलग से पाकिस्तान की संघीय सरकार, पंजाब प्रांत और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने लाहौर में करतारपुर कॉरिडोर की व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक बैठक की.
HIGHLIGHTS
- भारत नें पाकिस्तान को करतारपुर कॉरिडोर पर सौंपा एक और ड्राफ्ट.
- पाकिस्तान ने भारतीयों की एंट्री पर लगाया है 20 डॉलर का सेवा शुल्क.
- इसके पहले 4 सितंबर को हुई बैठक में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए थे दोनों देश के अधिकारी.