भारत और सिंगापुर ने शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के उनके समकक्ष ली सीन लूंग के बीच यहां हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद रक्षा, आर्थिक सहयोग समेत आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते(सीईसीए) की दूसरी समीक्षा की समाप्ति के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। भारत और सिंगापुर ने 2005 में सीईसीए पर हस्ताक्षर किए थे। सिंगापुर भारत के साथ इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश है।
भारतीय नौसेना और सिंगापुर की नौसेना के बीच एक कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर किया गया, जो आपसी समन्वयन, नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों के रखरखाव और लाजिस्टिक्स से संबंधित है।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आईएन) और सिंगापुर की साइबर सुरक्षा टीम के सिंगापुर कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया समूह(सींगसीईआरटी) के बीच साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने को लेकर एक समझौता ज्ञापन(एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया।
वहीं भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और सिंगापुर के सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के बीच मादक पदार्थो, साइकोट्रोपिक पदार्थो की तस्करी से निपटने में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
कार्मिक प्रबंधन और लोक प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने सिंगापुर के लोक सेवा विभाग के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
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दोनों देशों के बीच चौथे एमओयू पर हस्ताक्षर अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में किए गए, जिसमें भारतीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग और मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर ने फिनटेक पर एक संयुक्त कार्यकारी समूह(जेडब्ल्यूजी) के नियोजन संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
योजना के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत के नीति आयोग और सिंगापुर कॉपरेशन इंटरप्राइज (एससीई) ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। वहीं नर्सिग पर साझी मान्यता को लेकर एक अलग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
मोदी दक्षिण पूर्व एशिया के अपने पांच दिवसीय दौरे के अंतिम पड़ाव के रूप में यहां बुधवार को पहुंचे।
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Source : IANS