बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान (paksitan) जम्मू-कश्मीर का राग फिर से अलापने लगा है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर अपनी मंशा फिर से साफ-साफ जाहिर कर दी. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में शुक्रवार को एक बार फिर से पाकिस्तान ने कश्मीर (Jammu Kashmir) मसला उठाया. इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इस्लामाबाद को कड़ी फटकार लगाई. भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, लेकिन यह पाकिस्तान के ऊपर है कि वह बातचीत के लिए आतंक से मुक्त माहौल तैयार करे. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार आर. मधु सूदन ने कहा कि हमारा लगातार यह पक्ष रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मुद्दे को आतंकवाद से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए.
वार्षिक रिपोर्ट पर हो रही थी बहस
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की महासभा में वार्षिक रिपोर्ट पर एक बहस के दौरान भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ 'सामान्य पड़ोसी संबंध' चाहता है और यह इस्लामाबाद पर निर्भर है कि वह 'विश्वसनीय, सत्यापन योग्य' कार्रवाई करके एक अनुकूल माहौल बनाने के लिए अपने नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र को सीमा पार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति न दे. हालांकि, बहस के दौरान नई दिल्ली ने भारत के आंतरिक मामले यानी कश्मीर के मसलों को उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार भी लगाई.
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यूएन की गरिमा के अनुरूप आचरण नहीं
संयुक्त राष्ट्र महासभा की 78वीं बैठक में सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट पर भारत का बयान देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर आर. मधु सूदन ने कहा कि पाकिस्तान लगातार नाटक करता रहा है, जो इस प्रतिष्ठित मंच की गरिमा के अनुरूप नहीं है. भारत की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम द्वारा बहस के दौरान महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद आई है.
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बनाए आतंक-शत्रुता और हिंसा मुक्त वातावरण
मधु सूदन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान लगातार नाट्य प्रदर्शन करता रहा है, जो इस प्रतिष्ठित मंच की गरिमा के अनुरूप नहीं है. यह स्पष्ट हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के बहकावे में नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में भारत की संसद द्वारा लिया गया निर्णय भारत के आंतरिक मामले हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों को 'आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण' में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान के साथ 'सामान्य पड़ोसी संबंध' की जताई इच्छा
- कश्मीर पर पाकिस्तान का नाटक यूएन की गरिमा के उलट
- दुनिया नहीं आएगी बहकावे में भारत के अंदरूनी मामलों पर