कोरोना वायरस अब पहले से ज्यादा संक्रामक हो गया है. इसका नया स्ट्रेन ब्राजील में कहर बरपा रहा है. ब्राजील में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. शनिवार को एक दिन में कोरोना के 76,178 नए मामले सामने आए. वहीं 1,997 लोगों की मौत हो गई. अब देश में 1,14, 39, 558 पॉजिटिव केस हो गए हैं. 277,102 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. वहीं इससे पहले 12 मार्च को देश में 85,663 मामले सामने आए थे और 2,216 लोगों की मौत हो गई थी. इसके साथ ही ब्राजील कुल मामलों की संख्या में भारत से आगे निकल गया है और अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है.
चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
बिगड़ते हालात के साथ देश की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमराने लगी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ब्राजील की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए गंभीर कदम उठाने की जरूरत बताई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए वेरियंट P1 की वजह से इतनी तेजी से मरीज बढ़ते जा रहे हैं. इसे ब्राजील वेरियंट नाम दिया गया है क्योंकि यह ब्राजील में ही ऐमजॉन वर्षावनों के शहर मनाउस में पाया गया था.
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अभी तक ऐसा डर बना हुआ था कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मिले नए वेरियंट ने वैक्सीन के असर को कम कर दिया था. स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने वायरस को इंजीनियर कर उसमें P.1 वेरियंट का स्पाइक प्रोटीन लगाया था जिसकी पहचान करके कोविड-19 वैक्सीनें काम करती हैं. इसी प्रोटीन का इस्तेमाल वायरस इंसानी शरीर में दाखिल होने के लिए करता है. Pfizer की वैक्सीन का असर इससे पहले ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में मिले वेरियंट पर भी पाया गया था.
राहत भरी खबर के बावजूद कंपनी दो की जगह तीन बूस्टर खुराकें टेस्ट करने का प्लान बना रही है. इसके अलावा ऐसे वर्जन पर भी काम किया जा रहा है जो खासकर नए वेरियंट के खिलाफ असरदार हो जिससे कि इम्यून रिस्पॉन्स को बेहतर तरीके से समझा जा सके. वहीं, Moderna ने पहले ही अपनी बूस्टर वैक्सीन को नैशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ हेल्थ में क्लिनिकल ट्रायल के लिए भेज दिया है. दोनों कंपनियों का कहना है कि बूस्टर खुराकें साल 2021 के अंत में या 2022 की शुरुआत में तैयार हो जाएंगी.
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हेल्थ एक्सपर्ट्स को चिंता है कि कहीं वेरियंट्स की वजह से कोरोना वायरस की नई वेव ना शुरू हो जाए. अमेरिका में ब्रिटेन के B117 स्ट्रेन के 3000 नए मामले सामने आए हैं. दक्षिण अफ्रीका के B1351 वेरियंट से 81 लोग संक्रमित हैं. वहीं, ब्राजील के वेरियंट से 15 लोग संक्रमित हैं. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि B117 इस महीने तेजी से फैलने वाला है. वैक्सीनों का असर ब्रिटेन के वेरियंट के खिलाफ तो संतोषजनक रहा है लेकिन ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट को लेकर चिंता बनी हुई थी.
लॉकडाउन के खिलाफ राष्ट्रपति
यह पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है और पहले इन्फेक्शन से ठीक हो चुके लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. राष्ट्रपति ने सोमवार को भी कर्फ्यू को गलत बताया था और कहा था कि WHO को भी लगता है कि लॉकडाउन काफी नहीं हैं क्योंकि इनसे गरीबों का नुकसान होता है. वहीं, WHO जहां इसके नकारात्मक असर को मानता है, उसका कहना है कि ट्रांसमिशन रोकने के लिए कुछ देशों के पास इसको छोड़कर दूसरा रास्ता नहीं है. देश में वैक्सिनेशन भी काफी धीमे चल रहा है. 21 करोड़ की आबादी वाले देश में 4% से भी कम लोगों को वैक्सीन लगी है. अब तक सिर्फ 26 लाख लोगों को दोनों खुराकें लगी हैं. यहां हाल ही में ऑक्सफर्ड की वैक्सीन को इमर्जेंसी में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है और ये खुराकें भारत से भेजी गई हैं.
HIGHLIGHTS
- शनिवार को एक दिन में कोरोना के 76,178 नए मामले सामने आए
- ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट को लेकर चिंता बनी
- ब्रिटेन के B117 स्ट्रेन के 3000 नए मामले सामने आए