कोरोना महामारी की भयानक यादें छोड़ गए 2020 के बाद आए नए साल यानी 2021 के पहले दिन का आगाज भारत के बढ़ते दबदबे के साथ हो रहा है. नए साल के पहले दिन भारत वैश्विक पटल के सबसे शक्तिशाली मंच सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य बतौर जिम्मेदारी शुरू करेगा. कोरोना संकट से निपटते हुए चीन की आक्रामक चुनौतियों को डटकर मुकाबला करने वाले भारत देश के लिए यह बेहद गौरव का क्षण होगा, जब वह आठवीं बार अस्थायी सदस्यता का आगाज करेगा. भारत का यह कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 को समाप्त होगा.
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वैश्विक मंचों पर बढ़ रहा दबदबा
गौरतलब है कि भारत समेत आयरलैंड, नॉर्वे और मैक्सिको भी अस्थायी सदस्यता के लिए निर्वाचित हुए हैं. पिछले कई सालों से भारत की वैश्विक मंच पर दबदबा लगातार बढ़ रहा है. आतंकवाद सहित विभिन्न वैश्विक समस्याओं पर भारत की आवाज को दुनिया ध्यान देकर सुनने लगी है. संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्य के तौर पर मौजूदा कार्यकाल से भारत की कूटनीतिक ताकत बढ़नी तय है. भूलना नहीं चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बतौर अस्थायी सदस्य भारत का दो साल का कार्यकाल ऐसे समय शुरू हो रहा है जब वैश्विक मंच पर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, शांति स्थापना समेत कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. साथ ही दुनियाभर में कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में व्यापक सुधारों की मांग तेज हो रही है.
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भारत बड़े बहुमत से बना स्थाई सदस्य
भारत बहुमत के साथ 17 जून को हुए चुनाव में यूएन का अस्थाई सदस्य चुना गया था. यूएन के 192 सदस्य देशों में से 184 ने भारत की दावेदारी को अपना वोट दिया था. इतना ही नहीं, करीब एक दशक बाद सुरक्षा परिषद में भारत की यह क्लीन स्लेट एंट्री थी क्योंकि उसके मुकाबले कोई दावेदार ही नहीं था. अगले दो साल यानी 2021 और 2022 में सुरक्षा परिषद की ताकतवर मेज पर बतौर अस्थाई सदस्य मौजूद होगा.