भारत मंकीपॉक्स (monkeypox) के मामले में सतर्कता बरत रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि को पत्र लिखकर यह तय करने को कहा है कि इस बीमारी से जुड़े लक्षणों वाले यात्रियों को विमान में बैठने न दें. इस तरह से बीमारी के प्रसार पर ब्रेक लगाया जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यूएई में विश्व निकाय के कार्यकारी निदेशक को लिखे पत्र में देश में पाए गए तीन संक्रमितों के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि इन सभी में भारत आने से पहले लक्षण उभरने शुरू हो गए थे.
संयुक्त सचिव ने एक अगस्त को अपने लिखे पत्र में कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमन (आईएचआर)-2005 के अनुच्छेद-18 के मद्देनजर डब्ल्यूएचओ अपने सदस्य देशों को लेकर निकासी के समय यात्रियों की जांच को अनिवार्य करे. जरूरत पड़ने पर प्रभावित इलाकों के लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगाने की इजाजत दे. उन्होंने कहा कि उपरोक्त तथ्यों के आधार पर यह अपील की जाती है कि निकासी पर जांच को सख्त किया जाए. इस तरह से यह सुनिश्चित को सके कि मंकीपॉक्स के लक्षण वाले यात्री विमान में सवार न हो सकें. इस तरह से देश को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है.
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संयुक्त सचिव ने इस पत्र को लेकर डब्ल्यूएचओ के भारत में उपस्थित प्रतिनिधि, विदेश मंत्रालय के खाड़ी क्षेत्र में संयुक्त सचिव और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त (यू) को भी भेजी है. पत्र में चेतावनी दी गई कि विश्व समुदाय इस समय एक और स्वास्थ्य आपात की गिरफ्त में है. ऐसे में अहम सूचनाओं को साझा करना जरूरी है. इस तरह से संक्रमण के प्रसार को रोक सकते हैं. भारत में अब तक इस बीमारी से संबंधित आठ मामले मिले हैं. इनमें से एक मरीज की मौत हो गई है. केंद्र सरकार ने कहा कि मंकीपॉक्स से पैदा होने वाली परिस्थिति पर करीब नजर बनाना होगा.
HIGHLIGHTS
- यूएई में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि को लिखा पत्र
- देश में पाए गए तीन संक्रमितों के बारे में बताया
- निकासी के समय यात्रियों की जांच को अनिवार्य किया जाए