अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीय पेशेवरों ने उस वक्त राहत की सांस ली जब ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह नियमों में ऐसे किसी भी बदलाव पर विचार नहीं कर रहा है जो एच1-बी वीजाधारकों को देश छोड़ने पर मजबूर करता हो।
इस फैसले के बाद अमेरिका में रह रहे भारतीयों को राहत मिली। यह घोषणा अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने सोमवार को की।
इससे पहले बीते सप्ताह अमेरिका स्थित न्यूज एजेंसी मेकक्लेची डीसी ब्यूरो ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि वाशिंगटन एच-1बी वीजा के विस्तार को रोकने के लिए नए नियमों पर विचार कर रहा है।
इस निर्णय का सीधा असर अमेरिका में रह रहे भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की संभावना थी।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएफ़) के कार्यकारी निदेशक और कानूनी सलाहकार सुहाग शुक्ला ने कहा, 'परिणाम बहुत ही विनाशकारी हो सकते थे। इन कानूनों को पूरा करने, कर भुगतान करने वाले श्रमिकों और उनके परिवारों ने अमेरिका को अपना घर बनाया है।'
भारतीय अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमौर्थी ने कहा, 'मैं अमेरिकी नागरिकता और आप्रवासन सेवा के निर्णय का स्वागत करता हूं। इस फैसले के कारण एच 1-बी वीजा धारक अपने ग्रीन कार्ड के वीजा विस्तार के लिए आवेदन रख सकेंगे।'
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'जब ट्रंप प्रशासन के सामने एच -1 बी एक्सटेंशन खत्म करने का प्रस्ताव आया, तो उनके कार्यालय और अन्य लोगों ने इसका विरोध किया क्योंकि इसके कारण अमेरिकी कारोबार, अमेरिकी श्रमिकों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता था।'
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Source : News Nation Bureau