Advertisment

लद्दाख के स्पैंगगुर गैप में शूटिंग रेंज के भीतर भारत और चीन के सैनिक

लद्दाख के स्पैंगगुर गैप में शूटिंग रेंज के भीतर भारत और चीन के सैनिक

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
chinese indian border

भारत चीन सीमारेखा( Photo Credit : आईएएनएस)

Advertisment

चीन ने पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी हिस्से में स्पैंगगुर गैप में हजारों सैनिकों, टैंकों और होवित्जर तोपों को जुटा लिया है. चीनी सैनिक भारतीय जवानों से राइफल रेंज के भीतर यानी चंद कदमों की दूरी पर तैनात हैं. सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से की गई इस तैनाती के बाद से भारतीय सैनिक भी हाई अलर्ट पर हैं. भारतीय सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशुल के पास पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी तट पर के पास सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है. इसके बाद चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 30 अगस्त से स्पैंगगुर गैप में उत्तेजक सैन्य तैनाती की है, जो कि गुरुंग हिल और मागर हिल के बीच स्थित है.

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, चीनी पीएलए टुकड़ी और हथियारों की तैनाती को देखते हुए भारतीय सेना ने भी स्पैंगगुर गैप में उनके बराबरी की तैनाती की है. दोनों देशों की सेना और बंदूकें शूटिंग रेंज के भीतर (चंद कदमों की दूरी) हैं. इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि चीन ने सीमा के क्षेत्रों पर अपनी पकड़ मजबूत करने और तिब्बत क्षेत्र को स्थिर करने के लिए अपने मिलिशिया दस्ते तैनात किए हैं. उन्हें सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों से भारतीय सेना के सैनिकों को हटाने का काम सौंपा गया है.

मिलिशिया पर्वतारोहियों, मुक्केबाजों, स्थानीय फाइट क्लबों के सदस्यों और अन्य लोगों का एक अनियमित मिश्रण है. इसके अधिकांश सदस्य स्थानीय आबादी से लिए जाते हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, मिलिशिया मूल रूप से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक आरक्षित बल है. वे युद्ध के समय की स्थितियों में तैनात किए जाते हैं और पीएलए को उसके सैन्य अभियानों में मदद करने के लिए तैनात हैं.

अधिकारी ने यह भी कहा कि चीनी मिलिशिया भी स्वतंत्र संचालन करती है और पीएलए को युद्ध समर्थन और जनशक्ति की भरपाई प्रदान करती है. भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से दोहराया है कि अगर चीनी सैनिक भड़काऊ सैन्य कदम उठाते हैं तो सेना जवाबी कार्रवाई करेगी. सूत्रों ने कहा कि पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर पीएलए के सैनिकों ने फिंगर-4 के क्षेत्र पर भी यथास्थिति बदलने और कब्जा करने की मंशा को जारी रखा हुआ है. इसके साथ ही भारतीय सैनिकों ने स्थिति को भांपते हुए इलाके के कुछ ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है. एक सूत्र ने कहा, हमारे सैनिकों ने पीएलए के कब्जे वाले स्थानों को देखते हुए कुछ ऊंचाई वाली जगहों पर पहुंच स्थापित कर ली है. झील के उत्तरी किनारे को आठ 'फिंगर्स' में विभाजित किया गया है.

भारत फिंगर-8 तक के क्षेत्र को वास्तविक नियंत्रण रेखा मानता है और फिंगर-4 तक के क्षेत्र पर उसकी पकड़ बनी रही है, लेकिन चीनी यहां भी यथास्थिति बदलने के प्रयास में हैं. यही वजह है कि चीनी सेना फिंगर-4 पर शिविर लगा रही है और उसने फिंगर-5 और फिंगर-8 के बीच किलेबंदी की है. पैंगॉन्ग झील के उत्तर, दक्षिण तट पर चीनी सैनिकों, वाहनों और चीनी सेना के नए रक्षातंत्र की आवाजाही दिखाई दे रही है. कुछ स्थानों पर भारी हथियारों से लैस सैनिक भारतीय जवानों से काफी निकट हैं.

स्थिति को कम करने के लिए, भारत और चीन की सेनाएं प्रतिदिन बातचीत कर रही हैं. हालांकि शनिवार को चुशुल में हुई बातचीत भी अनिर्णायक रही, मगर दोनों पक्ष उच्च सैन्य स्तर पर बातचीत के लिए भी सहमत हैं. भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में चार महीने से आमने-सामने हैं. कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है.

Source : IANS/News Nation Bureau

INDIA चीन भारत china भारत चीन तनाव Howitzer Top Spaggur Gap India China Tention Thousands of Soldier of China
Advertisment
Advertisment
Advertisment