पेंसिलवेनिया के पीट़्सबर्ग में एक संघीय अभियोजक के अनुसार, अमेरिका में नियंत्रित औषधियों की तस्करी की साजिश रचाने का आरोप एक भारतीय बिजनेसमैन पर लगा है और इसके साथ ही उस व्यक्ति पर काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन में परिवर्तित करने का भी आरोप है. अभियोजक स्कॉट ब्रैडी ने गुरुवार को कहा कि जितेंद्र हरीश बेलानी पर शेड्यूल और शेड्यूल 4 नियंत्रित पदार्थो को आयात कराने की साजिश का आरोप लगा है, अमेरिका में नशीले पदार्थो की तस्करी करने की साजिश, मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश और दवाओं को आयात करने, तस्करी करने और काले धन को वैध बनाने के कई और आरोप लगे हैं.
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उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए यह बात कही है. विज्ञप्ति के मुताबिक, एलईईएचपीएल वेंचर्स नाम एक कंपनी के माध्यम से बेलानी और उनके सह-षड्यंत्रकारियों ने कथित तौर पर विभिन्न दवाइयों की तस्करी की है और उन्हें आयात कराया है. इन दवाइयों की बिक्री केवल एक मेडिकल प्रेसिक्रिप्शन के अंतर्गत ही की जा सकती है. जिन दवाओं की तस्करी की गई है, उनमें टैपेनटैडोल एक शेड्यूल 2 ड्रग और इसके साथ-साथ ट्रेमेडोल और मोडाफिनिल शेड्यूल 4 जैसी नियंत्रित दवाइयां भी शामिल हैं.
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इस रिलीज में यह भी कहा गया है कि बेलानी की उम्र 36 वर्ष है और वह जीतू के नाम से भी जाना जाता है, वह मुंबई का रहने वाला है. एलईईएचपीएल वेंचर्स नामक उस कंपनी की वेबसाइट पर बेलानी को कंपनी के निदेशक के रूप में दर्शाया गया है और उस वेबसाइट में इस बात का भी जिक्र है कि वह कंपनी नागपुर में स्थित है.