सिंधु आयोग बैठक के लिए पाकिस्तान जाएगा भारतीय प्रतिनिधि मंडल

स्थायी सिंधु आयोग की वार्षिक बैठक पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक से तीन मार्च 2022 के बीच होगी.

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Nihar Saxena
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Indus Water

पाकिस्तान को कुछ भारतीय परियोजानाओं पर है आपत्ति.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पाकिस्तान में एक से तीन मार्च के बीच हो जा रही स्थायी सिंधु आयोग की वार्षिक बैठक में तीन सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा. जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर के बाद पहली बार तीन महिला अधिकारी भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगी, जो बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर भारतीय आयुक्त को सलाह देंगी. पिछले साल पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्त के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल वार्षिक बैठक के लिए भारत आया था. गौरतलब है कि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए आईडब्ल्यूटी समझौते के तहत पूर्वी नदियों-सतलज, ब्यास और रावी का कुछ जल (लगभग 330 लाख एकड़ फुट-एमएएफ) सालाना उपयोग के लिए भारत को दिया जाता है. इसी तर्ज पर पश्चिमी नदियों में सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी (लगभग 135 एमएएफ सालाना) पाकिस्तान को सौंपा जाता है.

पाकिस्तान की आपत्ति दूर करेगा भारत
भारत के सिंधु जल आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना ने कहा, ‘स्थायी सिंधु आयोग की वार्षिक बैठक पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक से तीन मार्च 2022 के बीच होगी.’ प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम और विदेश मंत्रालय से संबंधित सक्सेना के सलाहकार शामिल होंगे. पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व वहां के सिंधु जल आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह करेंगे. भारतीय प्रतिनिधिमंडल 28 फरवरी को अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान के लिए रवाना होगा और चार मार्च को लौटेगा. अधिकारियों ने बताया कि दोनों आयुक्तों के बीच बैठक के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में चिनाब बेसिन में पाकल दुल (1,000 मेगावाट), लोअर कलनई (48 मेगावाट), किरू (624 मेगावाट) और लद्दाख में कुछ छोटी जलविद्युत परियोजनाओं पर पाकिस्तान की आपत्तियों के चर्चा के एजेंडे में शामिल होने की संभावना है.

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यह है आईडब्ल्यूटी समझौता
संधि के अनुसार भारत को डिजाइन और संचालन के लिए विशिष्ट मानदंडों के अधीन पश्चिमी नदियों पर रन-ऑफ-द-रिवर परियोजनाओं के माध्यम से जलविद्युत उत्पन्न करने का अधिकार दिया गया है. यह समझौता पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों पर भारतीय जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन पर आपत्ति जताने का अधिकार भी देता है. इन परियोजनाओं के डिजाइन पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है. हालांकि भारत का दावा है कि परियोजना का डिजाइन सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के प्रावधानों के अनुरूप है. 

HIGHLIGHTS

  • इस्लामाबाद में एक से तीन मार्च के बीच होगी बैठक
  • तीन महिलाएं भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा
  • पाकिस्तान को भारतीय नदी प्रोजेक्ट पर है आपत्ति
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