अमेरिका के कंसास राज्य में नस्लीय हमले में एक भारतीय इंजीनियर की मौत हो गई, जबकि एक अन्य भारतीय घायल हो गया। हमलावर ने यह हमला उन्हें मध्य पूर्व के नागरिक समझकर किया।
हमलावर ने गोलीबारी करने से पहले उन्हें देश छोड़कर चले जाने को भी कहा। हालांकि इस दौरान एक अमेरिकी नागरिक ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावर ने उसे भी गोली मारकर जख्मी कर दिया।
घटना कंसास राज्य के ओलेथ में बुधवार रात घटी है। अधिकारियों का कहना है कि हमलावर ने इन दोनों को 'मध्य-पूर्व का नागरिक' समझकर उन पर गोली चलाई। वहीं, हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने हमले को नस्लीय करार दिया है।
अमेरिकी दूतावास ने कैंजस गोलीबारी की निंदा की है।
#USEmbassy strongly condemns #Kansas shooting incident resulting in death of Indian techie #SrinivasKuchibhotla.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 24, 2017
'द कंसास सिटी स्टार' ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया कि पूर्व नौसैनिक एडम डब्ल्यू परिंटन ने भारतीय नागरिक श्रीनिवास कुचिभोतला और आलोक मदासानी पर यह कहते हुए गोली चला दी कि 'मेरे देश से निकल जाओ।' इस घटना में कुचिभोतला की मौत हो गई, जबकि मदासानी घायल हो गए।
एडम की गोली से घायल मदासानी और बीच-बचाव को आए अमेरिकी नागरिक इयान ग्रिलॉट (24) का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस का कहना है कि परिंटन (51) ने कई गोलियां चलाईं और फरार हो गया।
ये भी पढ़ें- नवाज़ शरीफ बोले, एक दूसरे के खिलाफ साजिशों से बाज़ आएं भारत और पाकिस्तान
'द स्टार' ने स्थानीय पुलिसकर्मी के हवाले से बताया कि एक बारटेंडर ने सूचना दी कि एक शख्स यह कहता फिर रहा है कि उसने 'मध्य-पूर्व के दो लोगों' को मार दिया। इसके बाद उसे पड़ोसी मिसौरी राज्य के क्लिंटन शहर से गिरफ्तार किया गया।
हमलावर पर पहले दर्जे की हत्या का आरोप लगाया गया है। ओलेथ के पुलिस प्रमुख स्टीवन मेंके ने कहा, 'यह दुखद और मूर्खतापूर्ण हिंसक वारदात थी।'
मृतक के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, कुचिभोतला (32) ने 2005 में हैदराबाद के जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली थी, जबकि अल पासो स्थित टेक्सास विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री ली थी। वह उभोक्ता नौवहन प्रणलियों की विख्यात इलेक्ट्रॉनिक कंपनी, गार्मिन के साथ एविएशन प्रोग्राम मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे।
कुचिभोतला के पूर्व नियोक्ता, रॉकवेल कॉलिन्स के प्रबंधक रॉड लार्सन ने द स्टार को बताया, 'वह बहुत होशियार था। उसका व्यक्तित्व असाधारण था।' वहीं, मदासानी (32) ने हैदराबाद के वसावी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री हासिल की थी। वह भी गार्मिन में प्रबंधक थे।
कुचिभोतला के परिवार में पत्नी सुनैना हैं। वह भी कंसास में काम करती हैं। मदासानी की पत्नी पांच महीने की गर्भवती है।
एचएएफ ने इन हत्या की निंदा की है। एचएएफ के गवर्मेट रिलेशंस विभाग के निदेशक जे. कंसारा ने कहा, 'हमने अमेरिकी न्याय विभाग एवं स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी से इस हत्या की जांच करने को कहा है।'
ये भी पढ़ें- शिवरात्रि पर कश्मीरी मुसलमान मिस कर रहे हैं पंडितों को
उन्होंने कहा, 'इससे कम पीड़ितों एवं उनके परिवार वालों के साथ अन्याय होगा।'
द स्टार के मुताबिक, संघीय अधिकारियों का कहना है कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं यह घटना पूर्वनियोजित तो नहीं थी।
द स्टार के मुताबिक, कंसास के कार्यवाहक संघीय अभियोजक टॉम बील ने कहा कि उनका कार्यालय मामले की जांच कर रहा है और यकीनन इस मामले में अभी और खुलासे हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप ने लागू की नई प्रवासी नीति, भारत की बढ़ेगी मुश्किल
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस घटना पर शुक्रवार को पीड़ितों के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना से इस बारे में बात की है।
उन्होंने कहा कि वाणिज्यदूत आर.डी.जोशी ह्यूस्टन से कंसास गए और उपवाणिज्यदूत हरपाल सिंह भी डलास से कंसास जा रहे हैं। वे इस घटना में घायल भारतीय मदासानी से मुलाकात करेंगे और कुचिभोतला के शव को भारत लाने में मदद करेंगे।
भारतीय नागरिक की हत्या को लेकर भारत में भी शोक है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाब नायडू ने कहा है कि वह इस हमले की खबर सुनकर दुखी हैं।
इसे भी पढ़े: अब अमेरिका में भारतीय कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में ट्रंप, सकते में आईटी कंपनियां
HIGHLIGHTS
- US के कंसास में एक भारतीय इंजीनियर की गोली मार कर हत्या
- हत्या से पहले शूटर ने कहा- 'मेरे देश से बाहर निकलो'
- हत्या से पहले शूटर ने की थी नस्लभेदी टिप्पणियां
Source : IANS