G-20 सम्मेलन का आज समापन हो गया. समापन से पहले आखिरी सत्र में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि अभी एक लंबा सफर तय करना है, लेकिन यह शिखर सम्मेलन एक मील का पत्थर साबित हुआ है. मैं भारतीय अध्यक्षता की सक्रिय भूमिका का भी उल्लेख करना चाहूंगा जिसने इतिहास में पहली बार वास्तव में ग्लोबल साउथ से जी 20 देशों को एकजुट किया है. विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि हमारे ब्रिक्स साझेदार-ब्राजील, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका विशेष रूप से सक्रिय रहे हैं और अपने वैध हितों को बनाए रखने और उनकी रक्षा करने के लिए वैश्विक दक्षिण देशों द्वारा उठाए गए इन समेकित पदों के लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूं.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आगे कहा कि जैसे ही हम यूक्रेन के बारे में बात करना शुरू करते हैं तो पश्चिमी देश चर्चा से बाहर रहना चाहता है. वह केवल यह मांग कर सकता है कि रूस अपनी आक्रामकता बंद करे और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करें. उन्होंने कहा कि UN चार्टर में जनमत संग्रह की बात कही गई है लेकिन पश्चिम इस मामले में अनदेखा कर रहा है.
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जी-20 समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध की चर्चा
गौरतलब है कि जी20 समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर चर्चा की गई है. घोषणापत्र में रूस का नाम लिए बगैर युद्ध को खत्म किए जाने की बात कही की गई. भारत शुरू से ही यूक्रेन युद्ध पर सामान्य व्यवहार करता है. भारत ने हमेशा से दोनों देशों से युद्ध विराम करने की वकालत की है. जी20 समिट में कथित रूप से अमेरिका ने रूस की निंदा करने की कोशिश की. पश्चिम के अन्य देशों ने भी रूस के खिलाफ अपनी बात रखने की कोशिश की. लेकिन रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि वे इसमें सफल नहीं हो पाए.
Source : News Nation Bureau