Bishkek Mob Violence: किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में विदेशी छात्रों पर भीड़ की हिंसा होने की खबरें सामने आ रही हैं. इन घटनाओं के चलते वहां पढ़ रहे भारतीय छात्र बुरी तरह से सहमे हुए हैं. वे सभी जल्द से जल्द स्वदेश लौटना चाहते हैं. उनमें से कई के खौफनाक बयान सामने आए हैं. उनका कहना है कि हमलावर स्किन का रंग देखकर हमला कर रहे हैं. बता दें कि किर्गिस्तान में भारत से आए लगभग 10,000 छात्रों में से अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, बिश्केक में अधिकांश छात्र अपने-अपने कमरों में बंद हैं. संस्थानों ने एग्जाम टाल दिए हैं और कई छात्र घर लौटने के लिए बेताब हैं. महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले एमबीबीएस के सेकेंड ईयर के स्टूडेंट ने बताया कि उनके घर मात्र ढाई किलोमीटर दूर एक हॉस्टल पर अटैक हुआ, जिसके वीडियो क्लिप प्रसारित किए जा रहे हैं, जिससे दहशत फैल रही है.
'...तो वे भूखे मर जाएंगे'
बिश्केक में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र खौफजदा हैं. वहां से एमबीबीएस कर रहे इंदौर के एक युवक ने बताया कि, '24 घंटे से अधिक समय हो गया है और हमने अपने हॉस्टल की लाइटें बंद रखी हैं.' उसने आगे बताया कि, 'हममें से कई लोग नाश्ते के लिए कैंटीन भी नहीं जा पाए हैं. कॉलेज प्रशासन हॉस्टल में खाना पहुंचा रहा है. हमें अपने-अपने कमरों के अंदर रहने के निर्देश दिए गए हैं. अकेले रहने वाले छात्रों की हालात और भी खराब थे. अगर जल्द ही हालात में सुधार नहीं हुआ तो वे भूखे मर जाएंगे.'
कॉलेज नहीं जा पा रहे स्टूडेंट्स
छात्रों में डर का आलम इतना अधिक है कि वे हॉस्टल से कॉलेज भी नहीं जा पा रहे हैं. ऐसा तब से जब उनमें से एक स्टूडेंट पर एक टैक्सी ड्राइवर ने हमला किया था. छात्रों का कहना है कि वे सभी भारत लौटना चाहते हैं. कुछ लोकल और मिस्त्र के छात्रों के बीच झड़प हुई थी, जिसका खामिजाया भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है.
'नफरती माहौल के कारण डरे हुए'
दिल्ली के एक छात्र ने बताया, 'हमलावर सिर्फ त्वचा के रंग को देखकर हमला कर रहे हैं.' वहीं, बिश्केक से 350 किलोमीटर दूर ओश में एमबीबीएस की छात्रा इंसिया हुसैन ने भयावह क्षणों के बारे में बताया, 'शनिवार को होने वाली हमारी सेमेस्टर परीक्षा स्थगित कर दी गई.' तेलंगाना के नलगोंडा की एक छात्रा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में सुरक्षा है, लेकिन हम नफरत फैलाने वाले माहौल के कारण डरे हुए हैं.
विदेशी छात्रों पर हिंसा क्यों?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 13 मई को एक हॉस्टल में स्थानीय लोगों और विदेशी स्टूडेंट्स के बीच झड़प हो गई. इसके बाद बिश्केक (Bishkek Mob Violence) में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर जमा हो गए. उन्होंने सड़कों पर जमा लगा दिया और कई इमारतों में तोड़फोड़ भी की. प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों ने बल का इस्तेमाल किया और कई लोगों को भी अरेस्ट किया.
किर्गिस्तान क्यों जाते हैं विदेशी छात्र
किर्गिस्तान मेडिकल फिल्ड के लिए पॉपुलर डेस्टीनेशन है. भारत (India), पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित इंडियन सबकॉन्टिनेंट से बड़ी संख्या में स्टूडेंट यहां पढ़ने के लिए जाते हैं. एक सरकारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अप्रैल 2023 तक किर्गिस्तान के अलग-अलग मेडिकल यूनिवर्सिटियों में लगभग 9,500 स्टूडेंट्स वर्तमान में वहां अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.
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Source : News Nation Bureau