Indo Russian friendship : रक्षा क्षेत्र में रूस हमेशा भरोसेमंद साथी साबित हुआ है. अब रूस की तरफ से नैनो अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स ऑफर किए जा रहे हैं, जिसमें चीन के किसी भी उपकरण का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जोकि रोकथाम ओसियाजी रूस की स्पेस एजेंसी के द्वारा बनाई गई तकनीक है. सिर्फ 8:5 किलो के इन सैटेलाइट की कीमत दो करोड़ रुपये से भी कम है, जबकि मौजूदा समय में असुरों को व्हाट्सएप सर्वेशन के लिए सैटेलाइट भेजने पड़ते हैं, उनकी कीमत इनसे 10 गुना ज्यादा होती है. (Indo Russian friendship)
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यह सैटेलाइट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग के जरिए झुंड में (swum-installation) काम करता है. अगर भारत के नजदीक पाकिस्तान या चीन के बॉर्डर पर कोई भी हरकत होती है तो इसकी सूचना आसानी से मिल सकती है. यह ना केवल बहुत सस्ता है, बल्कि झुंड में ऑपरेट होने के कारण अगर इसे एंटी सैटेलाइट के जरिए गिराने की भी कोशिश की जाती है तो भी काफी हद तक यह काम करता रहेगा. (Indo Russian friendship)
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खास बात यह भी है कि यह सैटेलाइट बहुत बड़ी संख्या में एक झुंड के तौर पर जब ऑपरेट करते हैं तो उनसे बहुत जल्दी सीमाओं के बदलते परिदृश्य की तस्वीर मिलती रहती है और इसके खिलाफ अगर एंटी सैटेलाइट मिसाइल का इस्तेमाल किया जाए या फिर इलेक्ट्रॉनिक वार फेयर से जाम करने की कोशिश की जाए तो एक साथ सभी सैटेलाइट खराब नहीं किए जा सकते. इसी तरह की तकनीक का इस्तेमाल रूस यूक्रेन युद्ध में भी कर रहा है, जिससे यूक्रेन की सेना की हर हरकत की बारीकी से निगरानी रखी जाती है. (Indo Russian friendship)
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