भारत और रूस के बीच संयुक्त उपक्रम के तहत कामोव हेलिकॉप्टर अब भारत में ही बनाया जाएगा। इस करार के तहत 1 बिलियन यूएस डॉलर खर्च किए जाएंगे। रूस के रोस्टेक स्टेट के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है।
यह डील मई में रजिस्टर्ड की गई थी। यह जानकारी विक्टर निकोलाइविच क्लाडोव ने बताई। क्लाडोव अंतरराष्ट्रीय सहयोग और क्षेत्रीय नीति विभाग के प्रमुख हैं।
पिछले साल अक्टूबर में भारत और रूस के बीच बोर्ड एग्रीमेंट को फाइनल किया गया था। जिसमें दो रूसी कंपनियां और हिंदुस्तान ऐरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच करार किए गए हैं।
और पढ़ें: निजता का अधिकार मामले पर SC की 9 सदस्यीय पीठ लेगी फैसला
भारत दरअसल भारतीय सेना को और भी ज्यादा हाईटेक हेलिकॉप्टर्स देना चाहता है, और वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स को बदलना चाह रहा है जिसके चलते कामोव के लिए डील की गई है।
60 कामोव हेलिकॉप्टर्स भारत को रूस से सप्लाई किए जाएंगे। वहीं 140 हेलिकॉप्टर्स भारत में ही बनाए जाएंगे। मोस्को में क्लाडोव ने कहा, 'हम बहुत खुश हैं कि भारत सरकार के साथ यह संयुक्त उपक्रम रिजस्टर्ड किया जा चुका है।'
और पढ़ें: मायावती बोलीं, सत्तापक्ष बोलने नहीं दे रहा, आज दूंगी राज्यसभा से इस्तीफा
यह डील 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के दौरान तय की गई थी। इसके बाद जब रक्षामंत्री अरुण जेटली कुछ दिनों पहले रूस दौरे पर थे इस दौरान कयास लगाए जा रहे थे कि कामोव हेलिकॉप्टर्स डील फाइनल रूप ले सकती है।
Source : News Nation Bureau