सुदूर इंडोनेशियाई ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण आधा दर्जन से अधिक हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है. विस्फोट इस कदर खौफनाक था कि, राख का गुबार मलेशिया तक छाया हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि, इस घटना के बाद सुनामी की आशंका के मद्देनजर हजारों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है. गौरतलब है कि, मंगलवार को माउंट रुआंग (Mount Ruang) में तीन बार जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें लावा और राख आसमान में तकरीबन 5 किमी से ज्यादा दूर तक फैल गई. इस खतरनाक विस्फोट के बाद स्थानीय प्रशासन ने फौरन 12,000 लोगों को निकालने के आदेश जारी कर दिया.
मिली जानकारी के अनुसार, संभावित सुनामी की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने हजारों लोगों को पड़ोसी टागुलैंडांग द्वीप से उत्तर में सियाउ द्वीप तक ले जाने का फैसला किया, साथ ही इसके लिए एक बचाव जहाज और एक युद्धपोत भेजा गया.
पहाड़ फटा.. चट्टानों की बारिश होने लगी: चश्मदीद
इंडोनेशिया के उत्तरी सुलावेसी प्रांत के सबसे बाहरी क्षेत्र टैगुलानडांग में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने विस्फोट के बारे में बताया कि, “पहाड़ फट गया.. यह भयानक था.. चट्टानों की बारिश होने लगी.. दो बार, दूसरा बहुत भारी था, यहां तक कि दूर-दूर के घर भी इसकी चपेट में आ गए.”
देश की मौसम विज्ञान एजेंसी, BMKG ने बुधवार सुबह एक नक्शा शेयर किया, जिसमें दिखाया गया कि ज्वालामुखी की राख बोर्नियो द्वीप पर पूर्वी मलेशिया तक पहुंच गई है, जिसे मलेशिया इंडोनेशिया और ब्रुनेई के साथ शेयर करता है.
गौरतलब है कि, ज्वालामुखीय राख के फैलने से सात हवाई अड्डे बंद करने पड़े. सरकारी हवाई यातायात नियंत्रण प्रदाता AirNav इंडोनेशिया के एक नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी है.
बता दें कि, जावा और सुमात्रा द्वीपों के बीच माउंट अनाक क्राकाटोआ का ज्वालामुखी भी विस्फोट के कारण 2018 में आंशिक रूप से ढह गया था, जिसके विशाल टुकड़े समुद्र में फिसल गए, जिससे सुनामी आई जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए.
Source : News Nation Bureau