इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 373 हो गई है और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पूर्वो नुग्रोहो ने कहा, 'मृतकों की संख्या और नुकसान दोनों में बढ़ोतरी होगी.' अनाक क्राकाटोआ या 'क्राकाटोआ का बच्चा' ज्वालामुखी के फटने के बाद शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को पार कर आगे बढ़ीं.
इससे सैकड़ों मकान नष्ट हो गए. इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एवं भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे मची तीव्र हलचल सुनामी की वजह हो सकती है.
इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी के मुताबिक अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी में बीते कुछ दिनों से राख उठने की वजह से कुछ हरकत होने के संकेत मिल रहे थे. यह विशाल द्वीपसमूह देश पृथ्वी पर सबसे अधिक आपदा संभावित देशों में से एक है, क्योंकि इसकी अवस्थिति प्रशांत अग्नि वलय के दायरे में है, जहां टेक्टोनिक प्लेट आपस में टकराती हैं.
और पढ़ें- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को भ्रष्टाचार मामले में 7 साल की जेल
इससे पहले सितंबर में सुलावेसी द्वीप पर पालू शहर में आए भूकंप और सुनामी में हजारों लोगों की जान गई थी. अंतरराष्ट्रीय सुनामी सूचना केन्द्र के अनुसार हालांकि ज्वालामुखी विस्फोट से सुनामी आने की आशंका कम होती है.
Source : News Nation Bureau