इंडोनेशिया में सुनामी के चलते अबतक कम से कम 168 लोगों की मौत की खबर है, वहीं 600 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. बता दें कि यहां शनिवार रात को आई सुनामी की वजह से तटीय क्षेत्र में बनी दर्जनों इमारतें धराशाई हो गईं हैं. वहीं मेट्रोलॉजी एवं जियो फिजिक्स एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि इस सुनामी की वजह अनक क्राकाटाओ में समुद्र के भीतर चट्टानें खिसकना हो सकती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस द्वीप का निर्माण क्राकाटाओ ज्वालामुखी के लावा से हुआ है. इस ज्वालामुखी में आखिरी बार अक्टूबर में विस्फोट हुआ था.
अधिकारियों का कहना है कि अनक के फटने की वजह से समुद्र के अंदर लैंडस्लाइड हुआ और लहरों में असामान्य परिवर्तन आया जिसने सुनामी का रूप ले लिया. इंडोनेशिया की जियोलॉजिकल एजेंसी सुनामी के कारणों का पता लगाने में जुट गई है. वहीं बताया जा रहा है कि मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है. अनक क्रैकटो एक छोटा वॉल्कैनिक आइलैंड है जो कि 1883 में क्रैकटो ज्वालामुखी के फटने के बाद अस्तित्व में आया था.
वहीं आपदा प्रबंधन एजेंसी ने मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताते हुए कहा कि तेज हवाओं के कारण समुद्री में और ऊंची लहरे उठ सकती हैं. वेस्ट जावा के एनयर बीच पर मौजूद नार्वे के फोटोग्रॉफर ओएस्टीन लुंड एंडरसन ने कहा, "मैं समुद्र तट से विस्फोटित हो रहे क्राकाटोआ ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहा था. मैं अकेला था और मेरे परिवार कमरे में सो रहा था." उन्होंने आगे बताया, "शाम के वक्त ज्वालामुखी में काफी विस्फोट हुए लेकिन समुद्र पर उठीं तेज लहरों से ठीक पहले वहां कोई गतिविधि नहीं हो रही थी. लेकिन अचानक मैंने समुद्र की लहरें आती देखीं और मैं वहां से भागा." आपातकाल अधिकारियों ने यह पता लगाना शुरू कर दिया है कि क्या एनाक क्राकाटोआ के कारण सुनामी आई थी.