ईरान ने पिछले हफ्ते अमेरिका में भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने सोमवार को कहा कि उनके देश ईरान और अपराधी के बीच कोई संबंध नहीं है. डीपीए समाचार एजेंसी ने कनानी के हवाले से कहा, रुश्दी खुद हमले के लिए जिम्मेदार है. यह देखते हुए कि लेखक के काम ने न केवल ईरान को, बल्कि दुनिया भर के मुसलमानों को नाराज किया. रुश्दी को 12 अगस्त को न्यूयॉर्क राज्य में व्याख्यान देने के लिए मंच पर चाकू मार दिया गया था. लेखक का अस्पताल में इलाज जारी है और 24 वर्षीय संदिग्ध हिरासत में है.
भारत में जन्मे ब्रीटन के नॉवल 'द सैटेनिक वर्सेज' के कारण 1980 के दशक में ईरान से जान से मारने की धमकी मिली थी. 1980 के दशक में सम्मानित लेखक के खिलाफ जारी मौत की सजा पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में ईरान की आलोचना हो रही है. स्वर्गीय ईरानी नेता अयातुल्ला खुमैनी ने एक धार्मिक फरमान या फतवा जारी किया, जिसमें रुश्दी को 30 साल से अधिक समय पहले 1988 में प्रकाशित 'द सैटेनिक वर्सेज' के कारण मौत की सजा सुनाई गई थी. खुमैनी ने रुश्दी पर अपने उपन्यास में इस्लाम, पैगंबर मोहम्मद और कुरान का अपमान करने का आरोप लगाया.
मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर हमला करने वाला हमलावर हादी मतार को ईरानी सैन्य संगठन और चरमपंथियों के प्रति सहानुभूति रखता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मतार के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच करने पर पाया कि वह शिया चरमपंथ और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजेसी) के प्रति सहानुभूति रखता है. भारतीय मूल के लेखक के बेटे जफर रुशदी ने अपने बयान में बताया कि शुक्रवार को हुए हमले के बाद मेरे पिता का इलाज चल रहा है. कल उन्हें वेंटिलेटर और अतिरिक्त ऑक्सीजन से हटा दिया गया था. अब वह कुछ-कुछ बोल भी पा रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- सलमान रुश्दी का हमलावर चरमपंथियों के संपर्क में था
- रुश्दी के बेटे के मुताबिक अब रुश्दी की हालत बेहतर