ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान नीति को पूरी तरह नाकाम बताते हुए कहा है कि कई प्रतिबंध लगाकर तत्कालीन अमेरिकी प्रशासन ने भोजन और दवाई जैसी बुनियादों जरूरतों एवं सुविधाओं से ईरान के लोगों को वंचित रखने की कोशिश की. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने इस आशय की जानकारी दी है. एजेंसी के मुताबिक अमेरिका के नव-नियुक्त विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने चेतावनी भरे लहजे में ईरान से कहा है कि इससे पहले कि अमेरिका फिर से उसी नीति का अनुसरण करे, ईरान को चाहिए कि वह 2015 के परमाणु समझौते के मुद्दे पर पूरे अनुपालन के साथ वार्ता की मेज पर आए.
बहरहाल जरीफ ने 2015 के परमाणु समझौते के संबंध में दो टूक कहा है कि अमेरिका ने ही ज्वाइंट कम्प्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन का उल्लंघन किया है. साथ ही उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव-2231 का पालन करने वाले अन्य देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर उन्हें दंडित भी किया. डोनाल्ड ट्रंप की नीति को गलत बताते हुए जरीफ ने कहा कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव-2231 का पूरी तरह पालन किया है और इसने केवल एहतियाती उपाय किए हैं.
उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव-2231 के अनुपालन में किसे पहला कदम उठाना चाहिए? बुधवार को ब्लिंकेन ने कहा था कि बाइडेन प्रशासन की यह स्पष्ट नीति है कि अगर ईरान पूरी तरह अनुपालन के साथ सामने आता है तो ही अमेरिका उसके साथ ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर 2015 के अंतरराष्ट्रीय समझौते पर वार्ता आगे बढ़ाएगा.
Source : IANS/News Nation Bureau