ईरान में सरकार के खिलाफ गुरुवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन कई बड़े शहरों तक फैल गया है। प्रदर्शनकारियों में बड़ी तादाद में कॉलेज स्टूडेंट और युवा शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इससे पहले शनिवार को विरोध-प्रदर्शनों से पहले ईरान के कट्टरपंथियों ने इस्लामी रिपब्लिक की मजहबी शासन-व्यवस्था के पक्ष में बड़ी रैली की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर के रश्त और पश्चिम के करमनशाह में बड़ी संख्या में विरोधियों का हुजूम देखा गया। वहीं, इस्फहान और हमादान में भी विरोध प्रदर्शन देखे गए।
बढ़ती कीमतों के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन बढ़कर अब सरकारी नीतियों के खिलाफ और अधिक उग्र हो गया है। राजधानी तेहरान में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
2009 में राष्ट्रपति चुनाव विवाद के बाद ईरान सबसे बड़े विरोध-प्रदर्शनों का गवाह बना है। ईरान के शहरों में सड़कों पर हजारों लोग उतर चुके हैं।
आपको बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गुरुवार 28 दिसंबर को पूर्वोत्तर शहर मशाद से शुरू हुई थी। मशाद में लोग बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और राष्ट्रपति हसन रुहानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद 52 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
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ईरान सरकार ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि अगर वे सड़कों से नहीं हटे तो सख्ती की जाएगी। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद भी शुक्रवार को देश के कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला।
केवल रूहानी के खिलाफ ही नहीं बल्कि धार्मिक नेता अयातुल्ला खमनेई और धार्मिक शासन के खिलाफ भी नारेबाजी हुई।
अधिकारियों ने मोबाइल फोनों पर इंटरनेट को अस्थायी रूप से रोकने का प्रयास किया लेकिन बाद में इसे बहाल कर दिया गया।
इस बीच ईरान सरकार में गृह मंत्री अब्दुलरहमान रहमानी फाजली ने कहा, 'हम उन सभी लोगों से अपील करते हैं जिन्हें प्रदर्शन में शामिल होने को कहा जा रहा है कि वह इन अवैध जनसभाओं में शामिल न हों क्योंकि ऐसा करके वह अपने लिए और दूसरे नागरिकों के लिए परेशानी पैदा करेंगे।'
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि विश्व इसे देख रहा है। ईरान के लोग बदलाव चाहते हैं और 'दमनकारी' शासन को लोग कहीं भी बर्दाश्त नहीं करते।
जिस पर ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम घासेमी ने ट्रंप की इस टिप्पणियों को अप्रासंगिक और अवसरवादी बताया था।
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Source : News Nation Bureau