ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर-अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते के पुनरुद्धार पर महीनों की बातचीत के बाद तैयार किए गए अंतिम मसौदे के आधार पर वियना वार्ता को समाप्त करने के लिए तैयार था. ईरानी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मंगलवार को प्रकाशित एक बयान के अनुसार, जॉर्डन की राजधानी अम्मान में एक क्षेत्रीय सम्मेलन के मौके पर यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल के साथ दो घंटे की बैठक में अमीर-अब्दुल्लाहियान ने यह टिप्पणी की.
उन्होंने परमाणु समझौते के अन्य पक्षों से निरोधक और यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाने और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने से बचने का आग्रह किया. बोरेल ने सहमति व्यक्त की कि परमाणु समझौते का पुनरुद्धार और इस अंत तक वार्ता एजेंडे के अन्य मुद्दों से अलग है. बैठक में ईरान के मुख्य परमाणु वातार्कार, अली बघेरी कानी और परमाणु वार्ता के लिए यूरोपीय संघ के समन्वयक एनरिक मोरा ने भी भाग लिया.
ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है. प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने पर सहमति बनी. हालांकि, अमेरिका ने मई 2018 में समझौते से बाहर निकल लिया और ईरान पर अपने एकतरफा प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया, जिससे ईरान को समझौते के तहत अपनी कुछ परमाणु प्रतिबद्धताओं को छोड़ने के लिए प्रेरित किया.
जेसीपीओए के पुनरुद्धार पर वार्ता अप्रैल 2021 में वियना में शुरू हुई थी. अगस्त की शुरुआत में नवीनतम दौर की वार्ता के बाद कोई सफलता नहीं मिली है.
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Source : IANS