ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से ईरान और अमेरिका के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इसके बाद ईरान की प्रमुख मस्जिदों पर लाल झंडे फहराए गए जिसका मतलब था कि हम इसकी जवाबी कार्रवाही करेंगे. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनने देने की धमकी दी उसके बाद ईरान ने एक बार फिर पलटवार करते हुए जवाब दिया, ईरान के एयरोस्पेस प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाले ब्रिगेडियर जनरल आमिर अली हाजिजादेह ने कहा कि ईरान ने सैकड़ों मिसाइलें तैयार कर ली थी.
ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम की अगुवाई करने वाले ब्रिगेडियर जनरल ने कहा कि बुधवार तड़के उनके बलों ने इराक में अमेरिकी ठिकानों पर 13 मिसाइलें ही दागी थीं, हालांकि वे सैकड़ों मिसाइलें दागने को तैयार थे. जनरल अमीर अली हाजीज़ादा ने ईरान के सरकारी टीवी से यह भी कहा कि उनके बलों ने उसी समय पर इराक में अमेरिकी सैन्य निगरानी सेवा पर साइबर हमले किए थे.
यह भी पढ़ें-आजम खान की पत्नी और बेटे को फिर नोटिस, जारी हो चुका है वारंट
उन्होंने कहा कि मिसाइल हमले में अमेरिकी बलों के दर्जनों सैनिकों की मौत हुई है और जख्मी हुए हैं लेकिन इस अभियान के जरिए हमारा मकसद किसी की जान लेना नहीं था बल्कि दुश्मन के सैन्य तंत्र पर आघात करना था. बहरहाल, अमेरिका ने कहा है कि मिसाइल हमले में कोई अमेरिकी नहीं मारा गया है. इस बीच, यूरोपीय संघ के एक शीर्ष अधिकारी ने ईरानी राष्ट्रपति से ‘अपरिवर्तनीय कदमों’ से बचने का आग्रह किया है जो ईरान परमाणु समझौते को नुकसान पहुंचा सकता हैं.
यह भी पढ़ें-Shock to Delhi Congress: कांग्रेस का हाथ छोड़ इन नेताओं ने थामा 'आप' का दामन
इस समझौते का मकसद देश को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना है. यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने राष्ट्रपति हसन रूहानी से बात की. यह वार्ता यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को होने वाली बैठक से पहले हुई है. इस बैठक में अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा की जाएगी. यूरोपीय काउंसिल की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, रूहानी ने कहा कि उनका देश यूरोपीय संघ के साथ "करीबी सहयोग" जारी रखना चाहता है.
Source : News Nation Bureau