ईरान (Iran) में हिजाब कानून के खिलाफ आमजन के देशव्यापी आंदोलन की आग कतर में चल रहे फीफा विश्व कप (FIFA World Cup 2025) तक जा पहुंची है. संभवतः यही वजह रही कि ईरान की फुटबॉल टीम ने इंग्लैड के खिलाफ अपने मैच से पहले राष्ट्रगान नहीं गाया, तो मंगलवार को ईरान को अमेरिका से मिली हार के बाद लोग जश्न मनाने सड़कों पर उतर आए. अब एक मानवाधिकार समूह ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा बलों ने अमेरिका की जीत का जश्न मना रहे एक ईरानी व्यक्ति को गोली मार दी थी. गौरतलब है कि ईरान में शीर्ष धार्मिक नेता अमेरिका को कट्टर दुश्मन करार दे अवाम का बीते कई दशकों से ब्रेन वॉश करते आए हैं. ऐसे में अमेरिका (US) की फीफा विश्व कप (FIFA WC) में ईरान पर जीत को लेकर सरकार समर्थकों और विरोधियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई थी.
दो महीने से अधिक से जारी है सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
ईरान सरकार के खिलाफ विरोध का आलम यह है कि महसा अमीनी की हिरासत में मौत को दो महीने से अधिक हो गए हैं और विरोध प्रदर्शन तभी से अनवरत जारी है. शुरुआती कुछ दिनों को छोड़ दें तो उसके बाद ईरान सरकार के निर्देश पर सुरक्षा बल आंदोलनकारियों के खिलाफ हिंसा का सहारा लेने में भी नहीं हिचक रहे हैं. सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए आंदोलकारियों के खून का जिम्मा सरकार पर थोपते हुए कई लोगों ने फुटबॉल की राष्ट्रीय टीम का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. यहां तक अमेरिका की ईरान पर जीत का जश्न मनाने लोग सड़कों पर उतर आए. उन्होंने अमेरिकी झंडा फहराया और कई जगहों पर आतिशबाजी भी की. अब एक मानवाधिकार समूह ने कहा कि तेहरान के उत्तर-पश्चिम में कैस्पियन सागर के तटीय शहर बंदर अंजली में 27 वर्षीय मेहरान समक की कार का हॉर्न बजाने पर सुरक्षा बलों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
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मानवाधिकार समूहों का दावा सुरक्षा बलों ने एक शख्स के सिर में गोली मारी
ओस्लो स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स (आईएचआर) समूह ने कहा, 'अमेरिका से ईरान की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम को मिली हार के बाद समक के सिर में सुरक्षा बलों ने गोली मार दी, क्योंकि वह अमेरिका की जीत पर कार का हॉर्न बजा उत्साह जता रहा था.' न्यूयॉर्क स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान (सीएचआरआई) ने भी दावा किया है कि जश्न के दौरान सुरक्षा बलों ने समक को मार डाला था. सीएचआरआई ने समक के तेहरान में अंतिम संस्कार का वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो में समक के जनाजे में शामिल हुए लोग 'तानाशाह को मौत मिले' का नारा भी लगा रहे हैं. इस नारे के निशाने पर ईरान के दिवंगत सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अल खमेनेई हैं.
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अब तक सुरक्षा बलों के हाथों 448 ईरानी मारे गए
गौरतलब है कि 16 सितंबर को ईरान पुलिस की हिरासत में महसा अमीनी की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के निशाने पर ईरान की वर्तमान सरकार के साथ-साथ खमेनेई भी हैं. मानवाधिकार समूह आईएचआर के मुताबिक ईरान के सुरक्षा बलों की विरोध प्रदर्शनों पर दमनात्मक कार्रवाई में कम से कम 448 लोग मारे जा चुके हैं. इनमें 18 वर्ष से कम उम्र के 60 बच्चे और 29 महिलाएं शामिल हैं. हालांकि एक ईरानी जनरल ने सोमवार को कहा कि 300 से अधिक प्रदर्शनकारी ही अब तक मारे गए हैं.
HIGHLIGHTS
- फीफा वर्ल्ड कप में अमेरिका की जीत का जश्न मनाना एक ईरानी को पड़ा महंगा
- सुरक्षा बलों ने ईरान की राष्ट्रीय टीम की हार पर खुशी मनाते शख्स को मारी गोली
- सुरक्षा बलों के हाथों अब तक 448 प्रदर्शकारी मारे गए, जिनमें 60 बच्चे भी शामिल