अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर ईरान के कानूनविद हमजेई ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को मारने वाले को तीन मिलियन डॉलर का अवार्ड देने का ऐलान किया है. इससे पहले ईरानी सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने तेहरान में प्रार्थनाओं का नेतृत्व करते हुए कहा था कि जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या ने अमेरिका के आतंकवादी स्वभाव का खुलासा किया है. इस खबर को स्पूतनिक वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है.
यह भी पढ़ेंःभगोड़े बाबा नित्यानंद पर कसा शिकंजा, इंटरपोल ने जारी किया ब्लू कॉर्नर नोटिस
अमेरिका ने जबसे कासिम सुलेमानी को मौत के घाट उतारा है उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है. कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला किया था, उसके बाद ईरान को इस बात का डर था कि अमेरिका बदला लेने के लिए फिर से उन पर हमला कर सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनके सैनिक तैयार थे.
यूक्रेन का यात्री विमान जब ईरान के सैन्य अड्डों के पास से गुजरा तो उन्होंने उसे निशाना बनाया. इसमें 176 यात्री मारे गए. इसकी पूरी दुनिया में आलोचना हुई. ईरान के नेताओं ने कहा कि अमेरिका ही इन हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार है. ईरान की आईएसआई एजेंसी के मुताबिक, जो भी डोनाल्ड ट्रम्प को मारेगा उसको तीन मिलियन डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा.
बता दें कि पिछले दिनों डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खुमैनी को सोच-समझकर बोलने की हिदायत दी थी. ट्रंप ने ट्वीट में कहा था कि ईरान के तथाकथित सुप्रीम लीडर ने यूरोप और अमेरिका के बारे में बहुत ओछी बातें की हैं. उनकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है और उनके लोग पीड़ित हैं. ऐसे में उन्हें अपने शब्दों को लेकर बहुत सावधान रहना चाहिए. ट्रंप के मुताबिक, खुमैनी ने अपने भड़काऊ बयान में अमेरिका को शातिर और यूरोपीय देशों ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को अमेरिका का नौकर बताया था.
यह भी पढ़ेंःममता ने दार्जिलिंग में सीएए के खिलाफ निकाली रैली, No CAA No NRC के लगे नारे
डोनाल्ड ट्रंप ने एक अन्य ट्वीट में ईरान के लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि ईरान के वे लोग, जो अमेरिका से प्यार करते हैं, एक ऐसी सरकार डिजर्व करते हैं, जो उन्हें मारने की बजाय उनके सपनों को पूरा करने में दिलचस्पी रखती है. उन्होंने अपने ट्वीट में ईरानी नेताओं से अपील की कि उन्हें अपने देश को बर्बादी की ओर ले जाने के बजाय आतंक को छोड़ देना चाहिए और ईरान को फिर से महान बनाना चाहिए.
बीते 17 जनवरी को ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने ट्वीट कर फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की सरकार पर हमला बोला था. खुमैनी ने कहा था- 'ईरान के मसले को सुरक्षा परिषद में ले जाने की फ्रेंच, जर्मन और ब्रिटिश सरकारों की धमकी ने फिर साफ कर दिया है कि वे अमेरिका के 'नौकर' हैं. उन्होंने आगे लिखा कि इन तीनों देशों ने सद्दाम हुसैन को हमारे खिलाफ युद्ध में हरसंभव मदद की थी.
Source : News Nation Bureau