हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं वाली कहावत पाकिस्तानी सेना पर खरी उतरती है. मोहरे बतौर सरकार का चलाने वाली पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ने फिलहाल सभी कमांडर को राजनीति से दूर रहने को कहा है. इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आईएसआई समेत अपने कमांडरों और अधिकारियों को राजनीति से दूर रहने का फरमान सुनाया था. यह सब कुछ अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के नेताओं के उन आरोपों के बाद हुआ, जिसमें कहा गया कि देश की खुफिया एजेंसी पंजाब में आगामी उपचुनाव में हेरफेर करने की कोशिश कर रही है.
उल्लंघन पर कड़ी सजा
समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक आईएसआई के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने व्यक्तिगत रूप से अपने अधीनस्थों को निर्देश जारी किए हैं. खबर में सूत्रों के हवाले से कहा, ‘उन्हें कड़े शब्दों में कहा गया है कि वे राजनीति से दूर रहें और ऐसी किसी भी गतिविधि से शामिल होने बचें.’ खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि आदेश के उल्लंघन को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा करने वाले किसी भी खुफिया अधिकारी की एजेंसी में कोई जगह नहीं होगी.
सेना प्रमुख ने भी जारी किया फरमान
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने अपने सभी कमांडरों और प्रमुख अधिकारियों को राजनीति से दूर रहने तथा राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत से बचने के लिए निर्देश जारी किए थे. ये निर्देश इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ दुष्प्रचार के मद्देनजर दिए गए थे, जिसमें आईएसआई के कुछ अधिकारियों पर आरोप लगाया गया था कि वे पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए पंजाब में आगामी उपचुनाव में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब विधानसभा की 20 रिक्त सीटों पर 17 जुलाई को उपचुनाव होगा.
HIGHLIGHTS
- इमरान की पार्टी सेना और आईएसआई पर चुनाव में हेरफेर के लगा रही आरोप
- इसके मद्देनजर सेना और खुफिया संस्था ने जारी किए हैं नए दिशा-निर्देश