इराक की राजधानी बगदाद गुरुवार को दोहरे आत्मघाती हमलों से दहल उठी. मध्य बगदाद में हुए इन धमाकों की वजह से अब तक 32 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. इन धमाकों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है. बीते तीन साल में शहर पर यह सबसे खतरनाक हमला है. यह धमाका ऐसे वक्त में हुआ है जब इराक में संसदीय चुनाव होने वाले हैं. साल 2018 में भी चुनाव से कुछ महीनों पहले ही धमाका हुआ था.
कपड़ा मार्केट में धमाका
इराक की राजधानी के टायेरान स्क्वेयर पर सेकंड हैंड कपड़ों के मार्केट में यह धमाका हुआ, जिसमें 32 लोग मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. इराक के गृह मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, पहला आत्मघाती हमलावर खुद को बीमार बताकर मार्केट में घुस गया. उसके आसपास जब लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई तो उसने खुद को उड़ा लिया. इस हमले के बाद लोग पीड़ितों के चारों तरफ खड़े थे और उतने में ही दूसरे हमलावर ने भी खुद को उड़ा लिया.
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2018 के बाद सबसे घातक हमला
मौके पर मौजूद समाचार एजेंसी एएफपी के एक फोटोग्राफर ने बताया कि सुरक्षाबलों ने इलाके को खाली करा लिया है और हमले के बाद यहां खून के धब्बों से भरे कपड़े सड़कों पर बिखरे पड़े हैं. गुरुवार को हुआ हमला साल 2018 के बाद से अब तक का सबसे घातक हमला है. उस समय भी टायेरान स्क्वेयर पर ही हमला हुआ था जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी. प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधेमी ने पहले चुनाव को एक साल पहले करवाने का फैसला किया था और यह इसी साल जून में होने थे लेकिन इसके बाद चर्चा-विमर्श करने पर तय किया गया कि चुनाव अक्टूबर में होंगे. सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि मतदाताओं और नई पार्टियों को पंजीकृत करने के लिए अधिकारियों को अधिक समय देने के लिए वोटिंग जून से अक्तूबर के बीच पुनर्निर्धारित की जाएगी.
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शिया मुस्लिम थे लक्ष्य
आईएस से जुड़ी न्यूज एजेंसी अमाक़ के मुताबिक इस हमले का लक्ष्य शिया मुस्लिम थे. आईएस सुन्नी मुसलमानों का ग्रुप है. आईएस ने इस हमले के कई घंटे बाद मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर अपने अकाउंट के ज़रिए इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है. 2017 में इस क्षेत्र में सेना से हारने के बाद आईएस की तरफ से बहुत कम आत्मघाती हमले हुए हैं. कभी पूर्वी इराक से पश्चिमी सीरिया तक के क़रीब 88,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट का नियंत्रित था और वो लगभग 80 लाख लोगों पर अपना क्रूर शासन चलाता था. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने अगस्त 2020 में अनुमान लगाया था कि 10 हज़ार से अधिक आईएस लड़ाके आज भी इराक़ और सीरिया में सक्रिय हैं.
Source : News Nation Bureau