कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर झटका दिया है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को निर्देश जारी किया है कि वो मौत की सजा सुनाए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को तीसरी बार कांसुलर ऐक्सेस दिया जाए और कुलभूषण के लिए पाकिस्तान सरकार एक वकील मुहैय्या करवाए जिसके तहत वो अपनी सफाई कोर्ट में पेश कर सके. आपको बता दें कि पाकिस्तान की सरकार के मुताबिक कुलभूषण जाधव एक भारतीय जासूस है जबकि इस मामले में भारत का कहना है कि वो एक पूर्व नौसेना अधिकारी और बिजनेसमैन है जिसका जासूसी जैसे काम से कोई लेना-देना नहीं है.
Islamabad High Court says Indian officials should be given an opportunity to give their stance while hearing a petition on appointing a lawyer for Indian national Kulbhushan Jadhav (in file pic). Hearing adjourned till September 3: Pakistan media pic.twitter.com/PbpeAWTfNu
— ANI (@ANI) August 3, 2020
आपको बता दें कि सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के जज अतहर मिनल्लाह ने कुलभूषण मामले में सुनवाई करते हुए पाकिस्तान सरकार से अपील की कि वो भारतीय अधिकारियों से संपर्क करे और कुलभूषण जाधव के लिए एक वकील की व्यवस्था करे. इसके पहले भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव के जीवन की सुरक्षा को प्रतिबद्ध है. विदेश मंत्रालय ने यह बात ऐसे समय में कही जब इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में समीक्षा याचिका की सुनवाई के लिये दो सदस्यीय पीठ का गठन किया है.
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जाधव की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, हम भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के जीवन की सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध हैं. श्रीवास्तव इस संबंध में संवाददाताओं के सवालों के जवाब दे रहे थे जो इस मामले में पाकिस्तान सरकार द्वारा दायर समीक्षा याचिका की सुनवाई को लेकर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पीठ गठित करने की खबरों को लेकर था. विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने कहा, हम इस मामले में आगे उपचार प्राप्त करने के अधिकार के बारे में अपना रूख् सुरक्षित रखते हैं.
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इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जाधव के लिए 22 जुलाई को वकील की मांग की थी
गौरतलब है कि भारत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुरूप जाधव को बेरोकटोक राजनयिक पहुंच प्रदान करने में विफल रहने को लेकर पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा करता रहा है. श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में भारत के लिये प्रभावी समाधान प्राप्त करने के सभी रास्ते बंद कर दिये हैं . उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने एकतरफा कदम उठाते हुए 22 जुलाई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जाधव के लिये कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करने की मांग की थी . हालांकि इस संबंध में भारत सरकार समेत मुख्य पक्षों से 20 मई को लागू अध्यादेश के तहत याचिका दायर करने से पहले विचार विमर्श नहीं किया गया.
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जानिए कौन हैं कुलभूषण जाधव
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के बारे में दावा किया है कि वो भारतीय नौसेना के अधिकारी हैं जिन्हें साल 2016 में पाकिस्तान ने अपने बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ़्तार किया था. आपको बता दें कि काफी लंबे समय से पाकिस्तान भारत पर लगातार ये आरोप लगाता रहा है कि वो बलूचिस्तान में सक्रिय पाकिस्तान का विरोध करने वाले चरमपंथियों की मदद करता है. वहीं भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और वो अपने बिज़नेस के सिलसिले में ईरान गए थे, जहां पाकिस्तान ने उन्हें ईरान सीमा रेखा से अपहृत कर लिया था. साल 2017 में पाकिस्तानी अदालत ने जाधव को जासूसी और दहशत गर्दी का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुनाई थी.
Source : News Nation Bureau