प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बांग्लादेश से वापसी होते ही चटगांव स्थित ब्राह्मनबरिया जंग का मैदान बन गया. बांग्लादेश के मुस्लिम कट्टरपंथी गुट हिफाजत-ए-इस्लाम के हथियार बंद समर्थकों ने जमकर हिंसा की और एक मंदिर को तहस-नहस कर दिया. इन कट्टरपंथियों (Islamist Radicals) ने मंदिर में रखी मां काली और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को तोड़ दिया. इस हिंसा में अब तक 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए हैं. गौरतलब है कि पीएम मोदी के दौरे को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) पोषित कट्टरपंथी संगठन हिंसक विरोध-प्रदर्शन पर आमादा हैं. एक घटना में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस फायरिंग की बात भी सामने आ रही है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
ट्रेन के डिब्बों को किया तहस-नहस
प्राप्त जानकारी के अनुसार हिफाजत-ए-इस्लाम के समर्थकों ने पुलिस स्टेशन, पब्लिक ऑफिस, प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी के कार्यालय और बसों को जमकर निशाना बनाया. इन लोगों ने एक ट्रेन के 15 डिब्बों को तहस नहस कर डाला और उसकी 117 खिड़कियों को तोड़ दिया. इन कट्टरपंथियों के आतंक का असर यह रहा कि ऑफिस, पुलिस स्टेशन जल रहे थे लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम चाहकर भी वहां तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई.
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श्री श्री आनंदमयी काली मंदिर पर हमला
हिफाजत के गुंडों ने ब्राह्मनबरिया के सबसे बड़े मंदिर श्री श्री आनंदमयी काली मंदिर पर हमला कर दिया. उन्होंने मूर्तियों को मंदिर में से उखाड़ दिया और उन्हें तोड़ दिया. मंदिर में लगे दान पात्र और अन्य सामानों को भी लूट लिया. मंदिर कमिटी के अध्यक्ष आशीष पॉल ने कहा, 'हम डोल पूर्णिमा पर पूजा कर रहे थे, इसी बीच 200 से 300 हथियारबंद लोग पहुंचे और मंदिर के गेट को तोड़ दिया. वे हमारे कार्यक्रम में घुस आए. हमने मां काली की मूर्ति को बचाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने हमें एक तरफ ढकेल दिया और मूर्ति को तोड़ दिया.'
हिफाजत-ए-इस्लाम चार दिनों से कर रहा हड़ताल
बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम पीएम मोदी की यात्रा के विरोध में पिछले करीब 4 दिनों से देश में हड़ताल कर रहा है. इस बीच बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमान ने कहा है कि किसी को भी बलवा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि जानमाल को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा. उन्होंने कहा कि हिफाजत अपनी हिंसा को बंद कर दे नहीं तो सरकार सख्त कार्रवाई के लिए बाध्य हो जाएगी.
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पुलिस थाने को फूंकने का प्रयास
बताया जा रहा है कि जुमे की नमाज के बाद राजधानी ढाका के बैतुल मुकर्रम इलाके में भी लोगों ने प्रदर्शन किया है. इस दौरान भी पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई. पुलिस ने पूरे ढाका में लोगों के प्रदर्शनों पर रोक का ऐलान किया हुआ है. हिफाजत ए इस्लाम नाम के एक कट्टरपंथी संगठन ने पहले ही पीएम मोदी के दौरे का विरोध करने का ऐलान किया था. रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि उग्र भीड़ ने स्थानीय थाने में जमकर तोड़फोड़ की. उन्होंने पत्थरबाजी के बाद थाने को आग लगाने का भी प्रयास किया. जिसके बाद ऐक्शन में आई पुलिस ने उग्र प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया. दावा किया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें चार लोगों की मौत हुई है.
पूरे इलाका छावनी में तब्दील
हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी तक गोली चलाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. पूरे इलाके को एहतियातन छावनी में बदल दिया गया है. पुलिस फोर्स की भारी मौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है. दावा यह भी किया जा रहा है कि इस दौरान सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं, लेकिन इन रिपोर्टों की अधिकृत पुष्टि नहीं हो सकी है. हिफाजत-ए इस्लाम के नेता ने बताया है कि प्रदर्शन के दौरान उनके कुछ समर्थकों की मौत हुई है, लेकिन उन्होंने भी संख्या को स्पष्ट नहीं किया है. चटगांव और ढाका में विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है.
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'धर्म के नाम पर मदरसा छात्रों का इस्तेमाल किया जा रहा'
हिंसा में मदरसा छात्रों के इस्तेमाल पर बांग्लादेशी गृहमंत्री ने कहा कि हिफाजत के लोग अनाथ और नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल अपने अजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह अराजकतावाद है. धर्म के नाम पर मदरसा छात्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस हिंसा का आलम यह रहा कि एक पत्रकार को कट्टरपंथियों पकड़ लिया था और सफलतापूर्वक कलमा पढ़ने पर ही उसे छोड़ा. बता दें कि पीएम मोदी के दौरे के खिलाफ इस्लामिक गुटों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है. उनके लौटने के बाद इन मौतों को लेकर उबाल है. मोदी बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित जश्न के मौके पर पहुंचे थे. इस्लामिक गुटों का पीएम मोदी पर मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव का आरोप है और उनकी यात्रा के दौरान हिंसा बढ़ गई थी. एक पत्रकार जावेद रहीम ने बताया कि ब्राह्मनबरिया जल रहा है. कई सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी गई है. प्रेस क्लब पर भी हमला कर कइयों को घायल कर दिया गया है जिसमें क्लब के अध्यक्ष भी शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी के वापस होते ही चटगांव का ब्राह्मनबरिया जंग का मैदान बना
- कट्टरपंथी हिफाजत-ए-इस्लाम के हथियार बंद समर्थकों ने जमकर हिंसा की
- अब तक 10 लोगों की मौत और दर्जनों हुए घायल