इजरायल की सेना ने गाजा के उत्तरी हिस्से को बीते एक सप्ताह से घेर रखा है. टैंकों और घातक हथियारों से लैस इजरायली सेना सीमा पर तैनात है. इस बीच सेना को रुकने के निर्देश दिया गया है. इस दौरान इजरायल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे गाजा पर कब्जा नहीं करना चाहता है. उसका लक्ष्य सिर्फ हमास का खात्मा करना है. वहीं मिडिल ईस्ट में हलचल तेज हो चुकी है, जिसके कारण अमेरिका को कई चिंताएं सता रही हैं. अमेरिका ने इजरायल को हिदायत दी है कि वह अभी बंधकों के छूटने का इंतजार करे. हमास से पकड़े गए अमेरिकी बंधकों की रिहाई को लेकर बातचीत चल रही है.
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हमास की ओर से दो महिलाओं की रिहाई के बाद से बाकी बंधकों की रिहाई की अमेरिका को उम्मीद है. बाइडेन प्रशासन को उम्मीद है कि आगे की बातचीत से बाकी बंधकों की रिहाई संभव हो सकेगी. बाइडन प्रशासन क्षेत्र में बिगड़ते मानवीय संकट को लेकर भी परेशान है. वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भोजन और मेडिकल जैसी सुविधाएं गाजा को जल्द से जल्द उपलब्ध हों. इसके साथ बाइडन प्रशासन क्षेत्र में अमेरिकी हितों पर हमले को लेकर भी परेशान है. ऐसे हमले जो ईरान से समर्थित समूहों से हो सकते हैं. आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर कई मिसाइल हमले हुए हैं.
हमास के खात्मे के साथ और फ्रंट खुल जाएंगे
अमेरिका हमास को खत्म करने की इजरायली मंशा को लेकर का परेशान है. अमेरिका ने इस बारे में इजरायल से बातचीत में पूछा है कि गाजा में आक्रमण की सेना के पास क्या योजना है. इस युद्ध में अगर दूसरे फ्रंट खुलते हैं और युद्ध आरंभ होता है तो इजराइल बुरा फंस सकता है. इससे ये साफ हो चुका है कि अमेरिका इजराइल को युद्ध में उलझाने से बचाना चाहता है. इसकी वजह से मिडिल ईस्ट में हालात बिगड़ सकते हैं. यहां पर भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है.