इजरायल-हमास की जंग को एक माह बीत चुके हैं. इजरायली सेना अल-शिफा अस्पताल के नजदीक कार्रवाई कर रही है. वह हमास के आतंकियों को खोज-खोजकर ठिकाने लगाने में लगी हुई है. इजरायली सेना किसी भी हालत में पीछे हटने को तैयार नहीं है. बल्कि सभी मुस्लिम देशों का आग्रह है कि वह युद्धविराम की घोषणा करे. वहीं इजरायली सेना ने ग्राउंड लेवल पर हमले तेज कर दिए हैं. उसके कमांडो अस्तपाल में छिपे हमास आतंकियों का सफाया करने में लगी है. ऐसे हालात में करीब 23000 फस्तीनियों की जान खतरे में हैं. वे यहां पर शरण लिए हुए हैं.
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वहीं दूसरी ओर यूएन ने चेतावनी दी है कि इस जंग की वजह से सारी सप्लाई लाइन कट गई है. इससे हालात बदतर हो चुके हैं. उसने दोनों पक्षों से युद्ध विराम की अपील की है. यूएन की रेस्क्यू ऑपरेशन एजेंसी के अनुसार, बीते 7 अक्टूबर से इजरायल ने गाजा में ईंधन सप्लाई पर रोक लगा दी है. इसके बाद से हालात बदतर हो चुके हैं. करीब 20 लाख से अधिक लोग गाजा पट्टी में मानवीय मदद के लिए पुकार रहे हैं. शिफा अस्पताल के एक ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ फादेल नईम ने दावा किया कि मंगलवार को अस्पताल के बाहर इजरायली सेना की घेराबंदी कर रही है। इसमें 170 शवों को अस्पताल के अंदर सामूहिक तौर पर दफनाया गया.
यूएन की ओर से फिलिप लेज़ारिनी का कहना है कि “UNRWA ने तीन सप्ताह पहले ईंधन की स्थिति पर खतरे की घंटी बजाई थी. इसकी घटती आपूर्ति और लाइफ सेविंग ऑपरेशन पर प्रभाव के बारे में चेतावनी भी गई थी. ऐसा बताया जा रहा है कि गाजा पट्टी के अंदर एक डिपो में पहले से मौजूद फ्यूल को बेहद संभलकर खर्च करने कहा गया था. मगर उसने भी हाथ खड़े कर लिए हैं. फ्यूल न होने के कारण कई लोगों के मरने की आशंका बनी है. उन्होंने कहा कि लाइफ सेविंग ऑपरेशन को जारी रखने को लेकर ह्यूमेनिटेरियन एजेंसियों को फ्यूल को लेकर भीख मांगनी पड़ रही है. जंग की शुरुआत के साथ ईंधन को एक हथियार रूप में उपयोग किया जा रहा है. यूएन की मानवीय एजेंसी ने जल्द से जल्द ईंधन मुहैया कराने की अपील की है.
Source : News Nation Bureau