Israel-Hamas War: इजरायल और हमास की जंग बड़े खूनी संघर्ष का रूप ले रही है. इसका खामियाजा गाजा में फिलिस्तीनियों को ज्यादा भुगतना पड़ रहा है. उन्हें गाजा छोड़ने की चेतावनी जारी की गई है. अब ये चेतावनियां इजरायली सैन्य विमानों से गिराए पर्चों और निवासियों को भेजे गए मोबाइल फोन ऑडियो संदेशों के जरिए दोहराया गया है. पर्चों और संदेशों में लिखा गया था कि उत्तर में रहने वालों को जान का खतरा हो सकता है. अगर वे यहां से नहीं हटेंगे तो उन्हें “आतंकवादी संगठन” से सहानुभूति रखने वालों के रूप में देखा जाएगा.
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इस तरह की चेतावनी गाजा में संभावित जमीनी हमले से पहले दी गई है. इजरायली सेना लगातार गाजा के उत्तर में रहने वाले फिलिस्तीनियों को अपना घर खाली करने का दबाव डाल रही है. फिलिस्तीनियों के अनुसार, इस तरह की चेतावनी उन्हें पहले नहीं दी गई थी कि अगर वे नहीं हटे तो उन्हें आतंकी समर्थक माना जा सकता है. इन चेतावनियों के बाद भी कई फिलिस्तीनी अभी भी दक्षिण की ओर बढ़ने से कतरा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पट्टी के दक्षिण के क्षेत्र भी प्रभावित हुए हैं. यहां पर इजरायल लगातार बमबारी कर रहा है.
हमास ने दो बंधकों को किया रिहा
हमास ने हाल में दो अमेरिकी बंदियों को रिहा कर दिया है. ऐसे में इजराइल में और बंदियों की रिहाई की अटकलें लगाई जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि परदे के पीछे काफी दबाव है. इसमें पश्चिमी सरकारों की कूटनीतिक कोशिश है. इजरायल को साफतौर पर कहा गया है कि सबसे पहले उन नागरिकों की वापसी को सुनिश्चित किया जाए. इसके बाद जमीनी हमलों को आगे बढ़ाया जाएगा. आपको बता दें कि अभी भी अमेरिका सहित कुछ अन्य देश के नागरिक हमास के बंधक हैं. इनके पास दोहरी नागरिकता है.
गुस्से में बंधक के परिवार, विरोध प्रदर्शन
गाजा में बंदियों के परिवारों के सदस्यों में गुस्सा दिखाई दे रहा है. बीते शनिवार शाम को तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय के सामने हुए एक विरोध हुआ, जहां पर पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के इस्तीफे की माग की गई. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इजराइली सरकार जमीनी हमले की ओर तभी बढ़े जब तक वह गाजा में बंद बंदियों की रिहाई सुनिश्चित नहीं करती है.