इजरायल ने 2007 में सीरिया के एक संदिग्ध न्यूक्लियर रिएक्टर पर किए गए हमले की बात को पहली बार स्वीकार कर लिया है। इजरायल की सेना की तरफ से गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किए जाने के बाद यह जानकारी सामने आई है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार विश्व शक्तियों और ईरान के बीच परमाणु समझौते को बदलने या खत्म करने पर ज़ोर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में इस महीने नेतन्याहू से मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि परमाणु करार 12 मई तक तय किया जाना चाहिए।
इजरायल के एक सैन्य प्रवक्ता ने इससे संबंधित दस्तावेज के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।
ऑपरेशन के सारांश में एक सैन्य बयान में कारण बताया गया है कि क्यों इजरायल पूर्वी-सीरिया के देईर ईज़ोर क्षेत्र में रेगिस्तान स्थल पर हवाई हमले कर रहा था। लंबे समय से व्यापक रूप से माना जा रहा है कि 2007 में इजरायल ने सीरिया पर हमला किया था।
इसी बीच सीरिया ने परमाणु रिएक्टर के निर्माण की बात को ख़ारिज किया है। इजरायल की ओर से एक बयान में कहा गया है कि 2007 में 5 से 6 सितम्बर के बीच इसरायली वायुसेना के फाइटर जेट ने सीरिया के नुक्लियर रिएक्टर को नष्ट कर दिया। रिएक्टर पूरा होने के करीब था। 2007 में सीरिया पर हुए इजरायली हमले को 'ऑपरेशन ऑर्चर्ड' के नाम से भी जाना जाता है।
2008 में अमेरिकी अधिकारियों ने सीरिया पर एक गुप्त परमाणु रिएक्टर बनाने की मांग की थी और इस बात को स्वीकार किया कि इजरायल ने रिएक्टर को नष्ट कर दिया था।
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इजरायल ने कहा कि संवेदनशील सुरक्षा की स्थिति के कारण स्ट्राइक के आसपास की गोपनीयता आवश्यक थी। स्ट्राइक का बचाव करते हुए इजरायल ने कहा कि इस्लामी राज्य समूह के जिहादियों ने सीरिया के युद्ध के दौरान डीर एज़ोर पर कब्जा कर लिया था। इसके साथ यह भी कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने 'अपने ही नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया।
हालांकि, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद इस हमले के आरोप को झूठा बता चुके है। उन्होंने कहा था कि सीरियाई सरकार के खिलाफ रासायनकि हमले करने का आरोप 'पश्चिमी झूठ के शब्दकोश' का एक भाग है। सरकारी समाचार एजेंसी सना की रिपोर्ट के मुताबिक, असद ने राजधानी दमिश्क में ईरान के विदेश मंत्री के राजनीतिक मामलों के विशेष सहायक हुसैन जाबरी अंसारी से मुलाकात के बाद यह बयान दिया।
असद द्वारा आयोजित परमाणु रिएक्टर का पूरा मध्य पूर्व के साथ-साथ इज़राइल और सीरिया पर गंभीर सामरिक प्रभाव पड़ सकता था। चार एफ-16 और चार एफ-15 के स्ट्राइक में शामिल थे, यह ऑपरेशन 5 सितंबर को रात 10:30 बजे शुरू हुआ था।
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इजरायल ने निर्धारित किया कि कथित रिएक्टर 'पूरी तरह से अक्षम था, और यह किया गया नुकसान अपरिवर्तनीय था।' इजरायल के सैन्य प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल गडी एसेनकोट, जो उस वक्त उत्तरी कमांडर थे जो एक वीडियो में अपने अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए नज़र आये थे।
1948 में यहूदी राज्य की स्थापना के बाद से सीरिया और इजरायल न आपसे में कई युद्ध लड़े है । दोनों देश अभी भी तकनीकी तौर पर युद्ध में हैं। ईरान ने सीरिया और लेबनान पर मिसाइलों के लिए कारखानों का निर्माण करने का आरोप लगाए थे।
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Source : News Nation Bureau