इस्राइल और हमास के बीच लंबे समय से युद्ध जारी है. युद्ध के बीच इस्राइल सरकार के सुरक्षा कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस्राइली सरकार ने पुरुषों के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा को 32 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया है. इस्राइल में एक दिन पहले गुरुवार को सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी. बैठक में यह फैसला लिया गया. इस्राइली मीडिया के अनुसार, नया फैसला अगले आठ वर्षों के लिए लागू रहेगा. उम्मीद है कि रविवार को इस प्रस्ताव को पूर्ण मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा, जहां इस पर मतदान होगा. इस्राइल सरकार के सैन्य कमांडरों का कहना है कि लंबे समय से युद्ध जारी है. उन्हें जनशक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है.
सात अक्तूबर से जारी है युद्ध
बता दें, दोनों पक्षों के बीच सात अक्टूबर से युद्ध हो रहा है, जब अलसुबह हमास ने पांच हजार रॉकेटों से इस्राइली शहरों पर हमला कर दिया था. हमले को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंकी हमला करार दिया. वे कई बार कमस खा चुके हैं कि जब तक वे हमास को पूर्ण रूप से तबाह नहीं कर देते हैं तब तक युद्ध विराम की घोषणा नहीं करेंगे. युद्ध में अब तक 38 हजार से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई. इनमें अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग नागरिक हैं.
हमले के यह तीन कारण
हमले के बाद हमास ने कहा था कि यह हमला यरूशलम की अल-अक्सा मस्जिद को इस्राइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है. हमास का कहना है कि अप्रैल 2023 में इस्राइली पुलिस ने मस्जिद में ग्रेनेड फेंककर इसे अपवित्र कर दिया था. इस्राइली सेना लगातार हमारे ठिकानों पर निशाना बना रही है. वे फलस्तीन में अतिक्रमण कर रहे हैं. इस्राइली सेना महिलाओं को निशाना बनाती है. यह इन प्रताड़नाओं का बदला है. हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने गल्फ देशों को कहा है कि वे इस्राइल के साथ अपने द्विपक्षीय संबंध तोड़ दें क्योंकि इस्राइल कभी भी अच्छा पड़ोसी मुल्क नहीं हो सकता है.
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Source : News Nation Bureau