कोरोना संक्रमण काल के बीच पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में भारत के साथ पंगा लेकर चीन वैश्विक मंच पर भी अलग-थलग पड़ता जा रहा है. अमेरिका-ब्रिटेन समेत कई देश भारत का खुलकर साथ देने की वकालत कर चुके हैं. इस कड़ी में भारत का परंपरागत मित्र जापान (Japan) तो एक कदम और आगे बढ़ गया है. उसने चीन (China) पर आर्थिक चोट पहुंचाने वाली 'सर्जिकल स्ट्राइक' की है. जापान उन जापानी कंपनियों को सब्सिडी (Subsidy) देगा, जो चीन के बजाय आसियान (ASEAN) देशों में अपने उत्पाद तैयार करेंगी. इस घोषणा के साथ ही जापान ने भारत (India) और बांग्लादेश (Bangladesh) को इस सूची में शामिल कर लिया है.
Japan's Ministry of Economy, Trade and Industry will provide subsidies to Japanese manufacturers which shift their manufacturing from China to ASEAN countries. It will add India and Bangladesh to the list of relocation destinations: Japanese media
— ANI (@ANI) September 4, 2020
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चौतरफा घिरा चीन
इस लिहाज से देखें तो भारत के साथ सीमा विवाद के मसले पर चीन चौतरफा घिरता जा रहा है. भारत ने कड़े कदम उठाते हुए चीनी एप पहले ही प्रतिबंधित कर दिए हैं. वहीं चीन पर आर्थिक चोट भारत के मित्र जापान ने भी कर दी है. जापान सरकार ने अपने देश की कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी के रूप में 2020 के पूरक बजट में 221 मिलियन डॉलर (1,615 करोड़ रुपये) आवंटित किए हैं. इसके तहत जो कंपनियां, चीन से बाहर भारत में और आसियान क्षेत्र में अपनी कंपनी स्थानांतरित करेगी, उसे इस सब्लिडी का लाभ मिलेगा.
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आसियान देशों को वरीयता
जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमईटीआई) ने कहा है कि वह उन जापानी निर्माताओं को सब्सिडी देगा जो चीन के बजाय आसियान देशों में अपने सामान को तैयार करेंगे. अब मंत्रालय ने भारत और बांग्लादेश को भी इस सूची में शामिल किया है. वास्तव में सब्सिडी कार्यक्रम के दायरे को विस्तार देकर जापान एक विशेष क्षेत्र पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है. इसके साथ ही आपातकाल के दौरान भी चिकित्सा या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्थिर आपूर्ति के लिए एक प्रणाली का निर्माण करना है. गौरतलब है कि जापानी कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला हाल-फिलहाल चीन पर काफी निर्भर है. हालांकि कोविड-19 महामारी के दौरान चीन से आयात फरवरी में लगभग आधा हो गया है.