Japan : जापान के हिरोशिमा में ग्रुप ऑफ सेवन (G7) देशों का चीन के प्रति सख्त तेवर नजर आया है. जी7 देशों ने शनिवार को चीन (China) का बिना नाम लिए साझा बयान जारी कर कहा कि वो यूक्रेन के खिलाफ जंग को खत्म करने के लिए रूस पर (Russia Ukraine War) दबाव बनाए. साथ ही सभी देशों ने इशारों इशारों में यह भी मैसेज दिया है कि ताइवान की स्थिति का चीन सम्मान करे. आपको बता दें कि हिरोशिमा में शुक्रवार से ही G7 की बैठक चल रही है.
आपको बता दें कि पिछले कई सालों से जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को बतौर गेस्ट के तौर पर बुलाया जा रहा है, क्योंकि वह G7 का स्थायी सदस्य नहीं है. 2019 से लेकर 2023 तक पांचवीं बार भारत को आमंत्रित किया गया है. सबसे पहले फ्रांस ने जी-7 शिखर सम्मेलन में गेस्ट कंट्री के रूप में भारत न्योता दिया था. 2019 से पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी पांच बार इस समिट में शिरकत कर चुके हैं.
जी-7 के देश जापान, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और इटली बीते एक वर्ष से अधिक समय से रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन संग तनाव से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं. खासतौर पर आर्थिक सुरक्षा और चीन द्वारा ताइवान पर दावा करना है. जी-7 देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे चीन को कोई भी क्षति नहीं पहंचाना चाहते हैं और उनके साथ स्थिर और अच्छे रिलेशन चाहते हैं.
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साथ ही इन देशों ने चीन से अपील की है कि वो रूस पर सैन्य हमले रोकने का दबाव बनाए और बिना किसी शर्त के यूक्रेन से अपनी सेना को वापस बुलाए. हम चीन को यूक्रेन से वार्ता सहित क्षेत्रीय अखंडता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों एवं लक्ष्यों के आधार पर न्यासंगत, व्यापक और स्थायी शांति का समर्थन करने का आग्रह करते हैं.