भारत के साथ हुए विवाद के बाद दुनिया के कई देश चीन के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. चीन को दुनिया से अलग-थलग करने के लिए कई देश लगातार चीन के खिलाफ कदम उठा रहे हैं. भारत और अमेरिका के बाद अब जापान का नाम भी चीन के खिलाफ कदम उठाने वाले देशों में शामिल हो गया है. जापान ने चीन को बड़ा झटका देते हुए राष्ट्रपति शी चिनपिंग के आधिकारिक दौरे को रोकने का फैसला कर लिया है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत चीन से हुई और इसके बाद एक एक करके दुनिया के तमाम देशों और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता चला गया.
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यह थी सबसे बड़ी वजह
जापान ने चीन के राष्ट्रपति के दौरे को रोकने का फैसला एकाएक नहीं लिया. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. हांगकांग पर नेशनल सिक्यॉरिटी कानून लागू किए जाने की वजह से जापान के प्रधानमंत्री शिंजों आबे की पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने सरकार से शी चिनपिंग के जापान दौरे पर दोबारा विचार करने की अपील की है. दरअसल चीन के हांगकांग पर नेशनल सिक्यॉरिटी कानून लागू किए जाने के कारण अब जापान को इस बात का भी डर है कि इस नए कानून की वजह से हांगकांग में जापान के लोगों और कंपनियों के अधिकारों में कटौती की जाएगी.
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गौरतलब है कि हांगकांग में जापान की करीब 1400 कंपनियों की मौजूदगी है. खास बात है कि यह जापान के कृषि सामानों को सबसे बड़ा आयातक है. जापानी बिजनेस कम्युनिटी को चिंता है कि चाइनीज नेशनल सिक्यॉरिटी कानून हांगकांग के आधार को ही हिलाकर रख देगा. यही कारण है कि जापान अब इस मामले को लेकर बेहद गंभीर हो गया है. जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोतेगी ने बयान जारी कर कहा है कि हांगकांग में रह रहे जापानी लोगों और कंपनियों के अधिकारियों का सम्मान किया जाए, लेकिन जापान की इस मांग पर चीन का रुख बदलता नहीं दिख रहा है.
Source : News Nation Bureau