रूस-यूक्रेन के बीच महीनों से संघर्ष जारी है तो वहीं चीन-ताइवान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसी को देखते हुए जापान ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे बढ़ने की बात कही है.शुक्रवार को जारी वार्षिक रक्षा दस्तावेज में यह जानकारी दी गई है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किए गए वार्षिक रक्षा श्वेत पत्र में सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए जापान की सैन्य क्षमता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित किया गया है. किशिदा की सत्तारूढ़ पार्टी सैन्य बजट को आने वाले समय में दोगुना करना करना चाहती है.
चीन ने जापानी रक्षा पत्र की आलोचना की
अगले कुछ महीने में जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा की जानी है, जिससे पहले यह रिपोर्ट जारी की गई है. लगभग 500 पृष्ठ की इस रिपोर्ट में चीन, रूस और उत्तर कोरिया की ओर से सबसे अधिक सुरक्षा चिंताएं पैदा होने की बात कही गई है. रिपोर्ट जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में संशोधन से कुछ महीने पहले आई है, जिसमें पूर्व-खाली हमले की क्षमता शामिल होने की उम्मीद है.रिपोर्ट में ताइवान को लेकर वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते तनाव का उल्लेख किया गया है, क्योंकि अमेरिका ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से युद्धपोत भेजना और ताइपे को हथियार बेचना जारी रखता है.
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वहीं चीन ने जापानी रक्षा पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें चीन से होने वाले सैन्य खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और इसके जरिए ताइवान के साथ चीन की आंतरिक नीति में हस्तक्षेप किया गया है.
HIGHLIGHTS
- वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते तनाव का उल्लेख किया गया
- ताइवान के साथ चीन की आंतरिक नीति में हस्तक्षेप किया गया है
- जापान ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे बढ़ने की बात कही है.