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जो बाइडेन ने पुतिन को बताया 'हत्‍यारा', रूस ने वापस बुलाया राजदूत

अपेक्षा के अनुरूप बाइडन के शासनकाल में भी रूस से गतिरोध बढ़ेगा. एक लिहाज से दो महाशक्तियों के बीच यह शीत युद्ध (Cold War) की एक आहट है.

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Nihar Saxena
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Vladimir Putin

अमेरिका-रूस के बीच शीत युद्ध की आहट.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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अमेरिका (America) और रूस (Russia) के बीच एक बार फिर से शीत युद्ध की आहट दस्तक देने लगी है. डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल से चुनाव प्रभावित करने के रूस पर लग रहे आरोपों ने एक बार फिर सिर उठाया है और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को 'हत्यारा' बता दिया. इसकी प्रतिक्रियास्वरूप भड़के रूस ने वॉशिंगटन में मौजूद रूसी राजदूत को 'सलाह-मशविरा' के लिए वापस बुला लिया है. माना जा रहा है कि अपेक्षा के अनुरूप बाइडन के शासनकाल में भी रूस से गतिरोध बढ़ेगा. एक लिहाज से दो महाशक्तियों के बीच यह शीत युद्ध की एक आहट है. 

चुनाव प्रभावित करने के आरोपों के बीच नई रार
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को 'हत्‍यारा' बताए जाने के बाद दोनों ही देशों के बीच संबंध रसातल में पहुंच गए हैं. बाइडेन ने यह भी कहा कि पुतिन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. इस बीच रूस ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के आरोपों को खारिज किया है. ताजा तनाव उस समय भड़का जब अमेरिका के खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने 2020 में हुए राष्‍ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था. अमेरिका ने यह आरोप तब लगाया है जब उसने अलेक्‍सी नवेलनी को जहर दिए जाने के बाद रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया था. इन प्रतिबंधों में रूसी खुफिया सेवा एफएसबी शामिल थी.

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'रूसी राष्‍ट्रपति को कीमत चुकानी पड़ेगी'
इसके बाद अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने पुतिन हत्‍यारा करार दिया और कहा कि रूसी राष्‍ट्रपति को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. माना जा रहा है कि इस बयान के बाद रूस ने अमेरिका को कड़ा संदेश देने के लिए अपने राजदूत को वापस बुलाया है. इससे पहले ट्रंप ने रूसी राष्‍ट्रपति की तारीफ की थी और उनका पक्ष भी लिया था. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वॉशिंगटन स्थित रूसी राजदूत अनातोली अंटोनोव को अमेरिका के साथ संबंधों पर सलाह के लिए वापस बुलाया गया है. रूस ने यह भी कहा कि वह नहीं चाहता है कि अमेरिका के साथ उसके रिश्‍ते ऐसी जगह न पहुंच जाएं जहां से वापस न आया जा सके. इससे पहले 1988 में रूस ने इराक में संयुक्‍त हमले के विरोध में अमेरिका और ब्रिटेन से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कुछ खास असर नहीं पड़ा था. इससे पहले अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि पुतिन ने अमेरिका में गत नवंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप की मदद करने के अभियानों को मंजूरी दी थी.

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क्रेमलिन ने आरोपों को खारिज किया
एक खुफिया रिपोर्ट में यह बताया गया है कि रूस और ईरान ने चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की व्यापक कोशिशें की थीं, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि किसी विदेशी दखल से मतों या मतदान प्रक्रिया पर कोई असर पड़ा हो. राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय के निदेशक के कार्यालय से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में अमेरिका में 2020 में हुए चुनावों में विदेशी दखल का विस्तृत आकलन दिया गया है. इस बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को एबीसी के कार्यक्रम ‘गुड मार्निंग अमेरिका’ पर प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा कि पुतिन के गलत कामों के नतीजे सामने आयेंगे और ‘वह जो कीमत अदा करने जा रहे है, आप जल्द ही देखेंगे.’ 

HIGHLIGHTS

  • जो बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति को बताया हत्यारा
  • विरोध स्वरूप रूस ने राजदूत वापस बुलाया
  • दोनों के बीच शीत युद्ध की आहज है गतिरोध
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